6 जनवरी। बिना पुनर्वास के जबरन बेदखली के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए राजधानी दिल्ली में संसद के पास सैकड़ों परिवार प्रदर्शन करने पहुँचे। ये प्रदर्शन भाटा कैंप के सैकड़ों परिवारों ने किया। दक्षिणी दिल्ली के तुगलकाबाद रेलवे स्टेशन के करीब भाटा कैंप एक बड़ी झुग्गी बस्ती है। यहाँ हजारों कलाकार रहते हैं। इनमें ज्यादातर राजस्थान से हैं। इस बस्ती के लोगों ने मजदूर आवास संघर्ष समिति के आह्वान पर जंतर-मंतर पर एक दिवसीय धरना दिया। इस धरने में बड़ी संख्या में कलाकारों और मजदूरों ने भाग लिया।
जिस जमीन पर ये लोग पिछले 50 सालों से रहने का दावा कर रहे हैं, अब अचानक वहाँ से हटाने का आदेश दिया जा रहा है, जिससे ये लोग परेशान हैं। दिल्ली के जंतर-मंतर के पास हुए धरना प्रदर्शन में बदरपुर भाट कैंप के कलाकारों के साथ कई जन संगठन एवं यूनियन, सामाजिक कार्यकर्ता, कलाकार, मजदूर नेताओं ने भाग लिया और प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर मजदूर आवास संघर्ष समिति के कन्वेनर निर्मल गोराना अग्नि ने धरने पर बैठे कलाकारों और मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा, कि किसी मजदूर या कलाकार को घर मिले या न मिले या कोई जिदगी भर बेघर रह जाए इससे सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसलिए सरकार को आवास की गारंटी हेतु एक मजबूत कानून बनाकर गरीब मजदूर कलाकारों के मानवाधिकार की रक्षा करनी चाहिए।
(‘न्यूजक्लिक’ से साभार)