23 जनवरी. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के अवसर पर 23 जनवरी सोमवार को साम्प्रदायिक सद्भावना समाज की ओर से सद्भाव बढ़ाओ देश बचाओ संवाद यात्रा का आरंभ हुआ।
इस संवाद का आरंभ मेरठ के 1857 शहीद स्मृति स्तम्भ पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुआ। 1857 संग्रहालय का संवाद यात्रियों ने अवलोकन किया। उसके बाद नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर पुष्पार्पण किया गया। फिर कमिश्नरी पार्क स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर पुष्पार्पण के बाद सद्भाव संवाद शुरू हुआ। इस संवाद में गंगाजल बिरादरी का भी साझा रहा। लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान के साथियों की भी भागीदारी रही।
इस सद्भाव यात्रा के आरंभ में मेधा पाटकर, खुदाई खिदमतगार के फैजल ख़ान, विभूति नारायण राय, अखिलेन्द्र प्रताप ने भी शिरकत कर अपना समर्थन और एकजुटता जाहिर की।
सद्भाव संवाद सभा का विषय था : गाँधी और सुभाष के लोगों की आज भूमिका। इस सभा को आनंद कुमार, सुरेश खैरनार, फैजल ख़ान, मेधा पाटकर, अखिलेन्द्र प्रताप, राकेश रफीक, विभूति नारायण राय, हरीश खन्ना, रामधीरज, दिनेश प्रियमन, अशोक, मंथन के अलावा स्थानीय नेताओं ने भी सम्बोधित किया। स्थानीय कवि अबोध ने अपनी कविता सुनाई। उनकी कविता की कुछ पंक्तियाँ गौरतलब हैं : शर्मिन्दा होने की जगह नाज करते हैं – जिन्हें होना था जेल में, वे राज करते हैं। स्थानीय वक्ताओं में किसान नेता कुलदीप त्यागी, रूहाना, शरीफ अहमद, डा मजीद आदि के नाम प्रमुख हैं। संचालन मेजर हिमांशु ने किया।
शाम को जमीअत सद्भावना मंच, जमीअत उलेमा ए हिन्द मेरठ के लोगों के साथ संवाद हुआ। इस संवाद यात्रा में झारखंड से अम्बिका यादव, बिहार से सुरेन्द्र जी और प्रो. विकास नारायण उपाध्याय के साथ ही मुरादाबाद और दिल्ली से अच्छी संख्या में साथी आए थे।