धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद की आड़ में नही छिपाया जा सकता : हिंडनबर्ग

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31 फरवरी। अडानी समूह के बारे में फॉरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की शोध रिपोर्ट के बाद शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है। अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी समूह की ओर से दिए गए 413 पन्नों के जवाब पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। हिंडनबर्ग ने पलटवार करते हुए कहा है कि धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद की आड़ में नही छिपाया जा सकता है। विदित हो, कि अमेरिकी फॉरेंसिक फाइनेंशियल कंपनी ने पिछले दिनों अडानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े गंभीर आरोप लगाए थे। जिसको अडानी समूह ने अपने 413 पन्नों के जवाब में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को ‘भारत पर हमला’ करार दिया था।

हिंडनबर्ग ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित जवाब में लिखा है कि अडानी समूह ने वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हुए इस मामले को राष्ट्रवादी रंग देने की कोशिश की है, और हमारी रिपोर्ट को ‘भारत पर एक सोचा-समझा हमला’ बताया है। उन्होंने खुद को भारतीय ध्वज में लपेट लिया है, और व्यवस्थित रूप से देश को लूट रहे हैं। हमारा मानना है कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है। इसके अलावा भारत एक सुनहरे भविष्य के साथ उभरती हुई महाशक्ति है। हम ये भी मानते हैं कि अडानी ग्रुप की ओर से भारत के भविष्य को रोका जा रहा है। हम यह भी मानते हैं कि अडानी समूह भारतीय झंडे की आड़ में भारत को लूट रहा है। हिंडनबर्ग ने कहा कि एक धोखाधड़ी आखिर धोखाधड़ी ही है, भले ही इसे दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार शख्स ने किया हो।

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