4 फरवरी. 1फरवरी को गांधी शांति प्रतिष्ठान, दिल्ली में आयोजित चुनाव सुधार अभियान की एक बैठक हुई। इसमें सर्वश्री अरुण कुमार श्रीवास्तव (संयोजक), जगदीप छोकर (एडीआर), प्रो आनंद कुमार (लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान) एनडी पंचोली (सीएफडी), सुनीलम (समाजवादी समागम), ज्ञानेन्द्र (जनमुक्ति वाहिनी), फिरोज मिठीबोरवाला (ईवीएम विरोधी राष्ट्रीय आंदोलन) तथा अन्य संगठनों के लोग शामिल हुए। इनके अलावा सर्वश्री अरुण माझी, अनुपम, अनिल ठाकुर, अंबिका यादव, आलमगीर हुसैन, अश्विनी कुमार,चमन लाल नागर, दीपक श्रीवास्तव, दिलीप कौशिक, गुड्डी एस एल, धीरज कुमार, भूपेंद्र रावत, कुमकुम भारद्वाज, मणिमाला, मंथन, मेजर जनरल रिटायर्ड अनिल वर्मा, पंकज, प्रभा तिवारी, प्रो सुशीला मोवले, संध्या एदलाबादकर, शाहिद कमाल, सुशील कुमार, सुप्रतीक चक्रवर्ती, सुशील खन्ना, शानू कुमार, सुनील कुमार, श्री राम, संसार चंद्र, सुजीत कुमार, थामस मैथ्यू, उमेश शर्मा आदि प्रमुख थे।
बैठक की शुरुआत में प्रमुख लोकतंत्रवादी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता दिवंगत श्री शांतिभूषण को मौन श्रद्धांजलि दी गई.
बैठक में निम्नलिखित बिंदुओं पर आमराय से सहमति बनी –
1. चुनाव में ईवीएम मशीन का उपयोग अत्यंत संदेहास्पद है। इसमें गड़बड़ी करने की व्यापक संभावनाएं हैं। अनेक देशों ने इसका उपयोग करने के बाद इसे रोक दिया और अधिकांश देशों में चुनाव के लिए मतपत्रों का ही उपयोग किया जाता है। मतदाता को यह संवैधानिक अधिकार है कि उसका वोट सही उम्मीदवार को मिले। अतः चुनाव में ईवीएम मशीन के बदले पहले की तरह मतपत्रों द्वारा मतदान कराया जाए।
2. केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया इलेक्टोरल बांड संबंधी कानून अवैध है क्योंकि इसे दोनों सदनों में पास नहीं कराया गया है। इसे वित्त विधेयक माना गया जो गलत था। यह पूंजीपतियों और राजनैतिक दलों के बीच दूषित गठजोड़ को छिपाता है। इससे देशी ही नहीं विदशी कंपनियां भी सरकार की आर्थिक नीतियों को बदलकर जनविरोधी नीतियों को लागू करवा रही हैं। चीन के हमले के बाद वहां से आयात दस गुना बढ़ गया। अतः इलेक्टोरल बांड रद्द करने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाए।
3. वर्तमान चुनाव प्रक्रिया में भारी खर्च हो रहा है। इस कारण ईमानदार व्यक्ति के लिए चुनाव लड़ना बहुत कठिन हो गया है। ज्यादातर भ्रष्ट लोग लाखों करोड़ों खर्च करके चुनाव लड़ते हैं और जीतने के बाद भ्रष्टाचार से कई गुना ज्यादा कमा लेते हैं। यही भ्रष्टाचार की गंगोत्री है। इसलिए मीडिया में विज्ञापन, हवाई जहाज आदि पर होनेवाले भारी खर्च पर रोक लगाई जाए और उम्मीदवार को चुनाव में निजी खर्च करने से रोकने के लिए कानून बनाया जाए। सभी उम्मीदवारों को पर्चा, पोस्टर, वाहन, सभा आदि की सुविधा प्रशासन उपलब्ध कराये। जिसके पर्याप्त समर्थक हों वही चुनाव लड़े।
4. चुनाव आयोग और जिला प्रशासन की निष्पक्षता जरूरी है। इसके उचित कदम उठाये जाए।
5. राजनीतिक दलों में वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना के लिए प्रयास किया जाए तथा उम्मीदवार का चुनाव कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाए।
उपरोक्त उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए निम्नलिखित कदम उठाने का निर्णय लिया गया।
(क) चुनाव प्रक्रिया में सुधार केलिए एक व्यापक जन अभियान चलाया जाये, जिसका नाम “चुनाव सुधार अभियान” रखा जाए।
(ख) तत्काल इलेक्टोरल बांड के खिलाफ एक हस्ताक्षर अभियान चलाकर कम से कम एक लाख लोगों की सहमति हासिल की जाए। कम से कम 7 दिनों का अभियान चलाया जाए।
(ग) इस अभियान में 35 वर्ष तक के युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया जाए। इसके लिए “यूथ फार इलेक्टोरल रिफार्म” नाम से संगठन बनाया जाए। इसमें तत्काल कुमकुम भारद्वाज, उज्ज्वल और शत्रुघ्न यादव को जिम्मेदारी दी गई है। अन्य लोग युवाओं का नाम जोड़ेंगे। सोशल मीडिया में युवाओं को जुड़ने का आह्वान किया जाए।
(घ) चुनाव संबंधी सभी पहलुओं पर विचार करने के लिए अलग अलग राज्यों में, विशेषकर चुनावी राज्यों में सम्मेलन आयोजित किया जाए। महेंद्र तारनेकर नागपुर में सम्मेलन आयोजित करने का प्रयास करेंगे। साथ ही साथ नियमित अंतराल पर वर्चुअल जूम मीटिंग का आयोजन किया जाए।
बैठक की अध्यक्षता श्री अरुण कुमार श्रीवास्तव ने, संचालन रामशरण और रिपोर्टिंग मंथन जी ने की।
अभियान संयोजक अरुण कुमार श्रीवास्तव
रामशरण (संपर्क)
मोबाइल नं.9006187885