भारत जोड़ो अभियान की लोगों से अपील : एक साल इस देश को बचाने के लिए, एक साल संविधान बचाने के लिए, एक साल इसकी सभ्यता और इसकी विरासत को बचाने के लिए
भारत जोड़ो अभियान 2024 के चुनावों से पहले भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक त्रिस्तरीय रणनीति अपनाएगा—ट्रोल आर्मी का मुकाबला करने के लिए एक ट्रुथ आर्मी, 2 लाख प्रचारकों की भर्ती, और लक्षित विधानसभा क्षेत्रों और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में 25 अभियात्रियों को प्रशिक्षण
7 फरवरी. सोमवार को कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित नागरिक समाज संगठनों के एक विशाल सम्मेलन में, भारत जोड़ो यात्रा की ऐतिहासिक कन्याकुमारी से कश्मीर पदयात्रा “भारत जोड़ो अभियान” में बदल गई। भारत जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर से कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी, जिनमें से कई नागरिक समाज संगठनों के बैनर तले भारत जोड़ो यात्रा का हिस्सा थे, और नफरत को हराने और भारत को एकजुट करने की आशा लिये देशभर से मीलों पैदल चलकर आए थे, शामिल हुए।
भारत जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय सम्मेलन को श्री राहुल गांधी ने भी संबोधित किया, जिन्होंने नागरिक समाज और जन आंदोलनों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की शुरुआत को याद किया। श्री गांधी ने भाजपा/आरएसएस के राजनीतिक और वैचारिक मुकाबले के लिए राजनीतिक दलों और नागरिक समाज की ऊर्जा को एकजुट करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। सम्मेलन को दिग्विजय सिंह (कांग्रेस), त्रिलोक त्यागी (आरएलडी), विकास रंजन भट्टाचार्य (सीपीएम), मनोज झा (राजद), पुरुषोत्तम (भाकपा-माले) एनी राजा (भाकपा) ने भी संबोधित किया, इन सभी ने भारत जोड़ो अभियान को अपना समर्थन दिया और एकजुटता जताई।
भारत जोड़ो अभियान का प्रारूप प्रस्ताव श्री विजय महाजन और श्री योगेंद्र यादव ने पेश किया, और सम्मेलन ने उसे सर्वसम्मति से पारित किया। प्रस्ताव विपक्षी दलों की ऊर्जा को जन आंदोलनों और जन संगठनों के साथ जोड़ने और नफरत की ताकतों का मुकाबला करने के मकसद से एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बनाने के लिए एक खाका तैयार करने पर जोर देता है। 2024 में शासन परिवर्तन की दिशा में काम करते हुए, आंदोलन इन ताकतों के खिलाफ दीर्घकालिक वैचारिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संघर्ष शुरू करेगा। आंदोलन गणतंत्र की पुनः प्राप्ति, संवैधानिक मूल्यों को दोहराने, लोकतांत्रिक संस्थानों को बचाने और हमारे स्वतंत्रता संग्राम की भावना को फिर से जागने की दिशा में काम करेगा।
अपने स्वागत भाषण में श्री कुमार प्रशांत ने उन चुनौतियों को रेखांकित किया जो भारत के संविधान, हमारे राष्ट्रीय ध्वज या राष्ट्रपिता का सम्मान नहीं करते हैं, जिसका हम आज सामना कर रहे हैं। अभियान के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए, विजय महाजन ने “एक वर्ष इस देश को बचाने के लिए, एक वर्ष संविधान को बचाने के लिए, एक वर्ष अपनी सभ्यता और इसकी विरासत को बचाने के लिए” का आह्वान किया।
भारत जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय सम्मेलन में 26 सदस्यीय परामर्शदाता समूह, 82 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद और 19 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्य समूह का चुनाव किया गया। अभियान ने 2024 के चुनावों से पहले भाजपा/आरएसएस की ताकतों का मुकाबला करने के लिए त्रिस्तरीय रणनीति पेश की। ट्रोल सेना का मुकाबला करने के लिए एक ट्रुथ आर्मी (सत्य प्रचारक), 2024 के आम चुनाव और इस साल होने वाले पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले 2 लाख प्रचारकों की भर्ती, और चुनावों में भाजपा को हराने के लिए लक्षित विधानसभा क्षेत्रों और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में 25 अभियात्रियों को प्रशिक्षण।
भारत जोड़ो अभियान की शुरुआत पर हुए पहले सत्र की अध्यक्षता सैयदा हमीद और अजीत भुइयां ने की और संचालन अविक साहा ने किया। भारत जोड़ो यात्रा से सीख पर हुए दूसरे सत्र की अध्यक्षता विजय प्रताप और क्रिस्टीना सामी ने की और संजय एम. जी. ने संचालन किया। दृष्टि और कार्य योजना पर हुए तीसरे सत्र की अध्यक्षता रवि चोपड़ा और प्रतिभा शिंदे ने की और योगेंद्र यादव ने संचालन किया। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत पर हुए चौथे सत्र का संचालन अजीत झा ने किया और निष्कर्ष पर अंतिम सत्र की अध्यक्षता जस्टिस कोलसे पाटिल, एन रामचंद्र राही और वीके त्रिपाठी ने की और योगेंद्र यादव ने संचालन किया। सम्मेलन को निखिल डे, कुमार प्रशांत, शेखर पाठक, आनंद कुमार ने भी संबोधित किया। सम्मेलन के दौरान न्यायमूर्ति कोलसे पाटिल द्वारा भारत जोड़ो यात्रियों को सम्मानित किया गया। थिरु एसपी उदयकुमार की एक पुस्तक “कन्याकुमारी से पत्र” का प्रशांत भूषण द्वारा लोकार्पण भी किया गया।
– टीम भारत जोड़ो अभियान