जोशीमठ को बचाने के लिए युवाओं की 300 किमी की पदयात्रा

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5 मार्च। जोशीमठ का दर्द सरकार और शासन तक पहुँचाने के लिए राज्य के कुछ नवयुवकों ने पैदल मार्च की पहल की है। नवयुवकों का यह दल जोशीमठ से देहरादून तक लगभग 300 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर निकल पड़ा है। ‘जोशीमठ बचाओ अभियान’ के तहत यह यात्रा एक मार्च से शुरू हुई जो 14 मार्च तक देहरादून के गाँधी पार्क पहुँचेगी, और वहीं यह यात्रा समाप्त हो जाएगी। यात्रा का उद्देश्य आपदा प्रभावितों का पुनर्वास, सुरक्षा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार का ध्यान आकृष्ट करना है, और जोशीमठ को बचाना है। नौजवानों ने आपदा के लिए जल विद्युत परियोजनाओं और हिमालय से हो रही छेड़छाड़ को जिम्मेदार बताया है।

मार्च का नेतृत्व कर रहे सचिन रावत ने ‘दैनिक जागरण’ न्यूज के हवाले से बताया कि यह यात्रा पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए भी निकाली जा रही है। उन्होंने आगे बताया कि विकास के नाम पर हिमालयी क्षेत्र में किया जा रहा अंधाधुंध निर्माण ही आपदाओं का कारण है। इस युवा दल के उत्साह को बढ़ाने के लिए कई जगहों से सामाजिक कार्यकर्ता भी आए। विदित हो कि आज से लगभग डेढ़ महीने पहले उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव होने लगा, और घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई थीं। जिसे लेकर स्थानीय लोगों में डर और खौफ का माहौल था। इस भयावह आपदा के चलते राज्य सरकार ने पूरे इलाके को खाली करने के आदेश दिए थे। इसके फलस्वरूप जोशीमठ के स्थानीय लोग अपने अपने घरों को छोड़ कर चले गए थे।


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