9 मार्च। छत्तीसगढ़ सरकार के बजट पर प्रदेश भर के हजारों अनियमित कर्मचारियों की निगाहें टिकी हुई थीं, लेकिन उनके लिए कोई घोषणा नहीं होने से वे नाराज हैं। अब सरकार को घेरने और अपनी माँगों को लेकर रणनीति बनाने के लिए ‘छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा’ ने प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों के हित में संघर्ष शुरू करने का एलान कर दिया है। इस क्रम में आगामी रविवार को धरनास्थल तूता नवा रायपुर में ‘अनियमित सभा’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें आगामी रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
दरअसल भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल के अंतिम बजट से लाखों अनियमित कर्मचारियों, संविदाकर्मियों, दिहाड़ी श्रमिकों, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट, मानदेय, अशंकालिक और ठेकाकर्मियों को निराशा हुई है। केवल कुछ वर्गों के अनियमित कर्मचारियों जैसे आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ता-सहायिका, रसोइया, स्कूल सफाई कर्मचारियों के मानदेय में न्यूनतम वृद्धि करने एवं मितानिनों को अतिरिक्त ₹2200 देने की घोषणा की गई है, शेष अनियमित कर्मचारियों के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
(‘जनता से रिश्ता’ से साभार)