16 मार्च। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘सुशासन बाबू’ कहा जाता है, पर उनकी पुलिस बेलगाम हो गयी है। ताजा मामला औरंगाबाद जिले के देवकुंड थाना के बनतारा गाँव का है, जहाँ होली की रात डीजे बजाने को लेकर पुलिस ने दलित परिवार के बच्चों और महिलाओं को बेरहमी से पीटा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे क्षुब्ध होकर गाँव के लोगों ने पुलिस के खिलाफ धरना शुरू कर दिया, जो अब भी जारी है। ‘नवभारत टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं और बच्चों के साथ मारपीट और पुलिसिया जुल्म के खिलाफ सैकड़ों महिलाएँ और पुरुष बनतारा गाँव के देवी मंदिर के प्रांगण में अपने-अपने हाथों में तख्ती लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। वहीं पीड़ितों ने मीडिया के हवाले से बताया कि यदि पुलिस का यही रवैया रहा तो वे सभी सपरिवार गाँव छोड़कर कहीं और चले जाएंगे।
पीड़ित महिलाओं ने रोते-बिलखते हुए कहा कि हम लोगों का कोई कसूर नहीं है। हम लोगों को बाल-बच्चों समेत बेवजह बेरहमी से पीटा गया। पीड़ितों ने आगे कहा, कि देवकुंड थानाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाना चाहिए और एसपी को मामले की उच्चस्तरीय जाँच करानी चाहिए, साथ ही पीड़ितों पर लगे फर्जी मुकदमों को वापस लिया जाए।
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