16 मार्च। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में हजारों बिजली कर्मचारी अपनी विभिन्न माँगों को लेकर मुख्य अभियंता कार्यालय के बाहर आंदोलन कर रहे हैं। बिजली कर्मचारियों ने मीडिया के हवाले से बताया कि 14सूत्री माँगों को लेकर ऊर्जा मंत्री से समझौता हुआ था, और उन्होंने हम सभी को आश्वस्त किया था कि आपकी बात रखी जाएगी। लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी किसी तरह का कोई आदेश, निर्देश राज्य सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया। कर्मचारियों का कहना है कि हम लोगों के साथ धोखा हुआ और इस धोखे की वजह से आज हमलोग कार्य बहिष्कार कर रहे हैं।
बिजली कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा, कि अगर सरकार ने हमारी माँगों पर कोई अमल नहीं किया, तो हम सभी अगले 72 घंटे तक कार्य बहिष्कार कर देंगे। बिजली कर्मचारियों ने यह भी कहा कि सरकार की मंशा ऊर्जा विभाग को निजी हाथों में देने की है, जिसका हम लोग लगातार विरोध कर रहे हैं। हम लोग ऊर्जा विभाग का किसी भी हाल में निजीकरण नहीं होने देंगे। कर्मचारियों ने आगे कहा कि अगर बिजली विभाग का निजीकरण हुआ, तो इसका सीधा असर उपभोक्ता पर पड़ेगा।
वहीं बिजली कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार पर उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने ‘भारत न्यूज’ के हवाले से कहा कि इस माह कार्य बाधित करना उचित नहीं है। राजस्व की दृष्टि से मार्च माह महत्वपूर्ण है। शर्मा ने आगे कहा कि जो भी कर्मचारी विद्युत सेवा बाधित करेगा, उसपर पर इंसेंसियल सर्विस एक्ट (आवश्यक सेवा अधिनियम) के तहत एस्मा लगाया जाएगा।