23 मार्च। झारखंड के हजारीबाग स्थित विनोबा भावे विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन के सामने सैकड़ों विद्यार्थियों ने विरोध-प्रदर्शन किया। दरअसल यूनिवर्सिटी में जब से सीबीसीएस सेमेस्टर सिस्टम 2015 में लागू हुआ था, तब से छात्रों को कोर पेपर के साथ केवल एक जेनरिक पेपर की पढ़ाई सत्र 2019 तक के छात्रों को कराई गई। इसका परिणाम यह हुआ कि अब स्नातक व बीएड कर चुके छात्र शिक्षक नियुक्ति, टीजीटी, लैब असिस्टेंट व अन्य ऐसी नियुक्तियों से वंचित हो जा रहे हैं। इसमें सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन की योग्यता रखी गई है। पीड़ित छात्रों ने मीडिया के हवाले से बताया कि विश्वविद्यालय की इस गलती से तकरीबन 80 हजार छात्र नियुक्ति से वंचित रह जाएंगे।
विश्वविद्यालय की गलती के कारण भविष्य बर्बाद होने की कगार तक पहुँच चुका है। विश्वविद्यालय प्रशासन को कई बार ज्ञापन भी सौंपा गया था, लेकिन कोई उचित कार्रवाई न होने से सैकड़ों छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया है। इस मामले पर विश्वविद्यालय अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि राज्यपाल, उच्च शिक्षा विभाग और शिक्षा सचिव को इस विषय से अवगत कराएंगे। वहीं छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन के दिए गए आश्वासन पर अविलंब कार्रवाई नहीं होती है, तो जल्द ही वे विश्वविद्यालय का घेराव करेंगे।