29 मार्च। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा ने अपने घोषणापत्र में वायदा किया था कि किसानों को लागत का डेढ़ गुना दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य के तौर पर सुनिश्चित किया जाएगा। भाजपा सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करने के बजाय विभिन्न योजनाओं के आँकड़े उछाल रही है। जबकि वहीं प्रदेश में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। राज्यसभा में किसानों की आत्महत्या के संबंध में पूछे गए सवाल पर कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा दिए गए जवाब के मुताबिक, वर्ष 2021 में कर्नाटक में 1170 किसानों ने आत्महत्या की है।
यानी प्रतिदिन तीन किसान आत्महत्या कर रहे हैं। जबकि वर्ष 2017 में यह आँकड़ा 1,157 था। वर्ष 2018 में 1,365 तथा 2019 में बढ़कर 1,331 तक पहुँच गया था। उपरोक्त आँकड़ों से स्पष्ट है कि किसानों की आत्महत्या के मामलों में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि बढ़ोत्तरी ही हुई है। देश में किसानों की आत्महत्या के कुल मामलों का 22 फीसद अकेले कर्नाटक से है।