16 अप्रैल। पिछले 18 महीनों में पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा के 65 मामले सामने आए हैं। जिसमें वर्ष 2021 में 30 मामले और वर्ष 2022 में 35 मामले सामने आये। आरटीआई कार्यकर्ता बिश्वनाथ गोस्वामी द्वारा जानकारी माँगने पर कोलकाता पुलिस, डायमंड हारबर पुलिस और चंदन नगर पुलिस ने संबंधित आँकड़े देने से मना कर दिया। फिर गोस्वामी ने विभिन्न पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधिकारियों से डेटा माँगा, जिसमें से 12 अधिकारियों से आँकड़े प्राप्त हुए। प्राप्त आँकड़ों के अनुसार हावड़ा जिला पुलिस ने वर्ष 2021 में सांप्रदायिक हिंसा के हावड़ा जिले में 13 और वर्ष 2022 में जून महीने तक 15 मामले दर्ज किए, जोकि पूरे राज्य में इस जिले के सर्वाधिक मामले हैं।
सांप्रदायिक हिंसा के मामलों में नादिया जिला दूसरे नंबर पर रहा, उसके कृष्णानगर थाने में 13 और आसनसोल दुर्गापुर थाने में 10 मामले दर्ज किए गए। गौरतलब है कि कम से कम 10 लोगों के घायल होने वाली सांप्रदायिक घटना को सांप्रदायिक हिंसा माना जाता है; दंगों में सांप्रदायिक हिंसा में शामिल पाँच या अधिक लोग शामिल होते हैं। राज्य में पिछले 18 महीनो में सांप्रदायिक दंगों के 200 मामले दर्ज हुए, जिनमें हावड़ा ग्रामीण पुलिस ने 70 और हावड़ा शहर पुलिस ने 59 मामले दर्ज किए। इस समय-सीमा में दंगों के दौरान 19 लोग मारे गए। आरटीआई कार्यकर्ता गोस्वामी ने मीडिया के हवाले से कहा कि त्योहारों के दौरान दंगों के मामलों में वृद्धि होती है।
(‘न्यूज क्लिक’ से साभार)