1. साइकिल
जीवन में
मैं बहुत सारी साइकिलों पर बैठा
उनमें पारिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों
और यारों-दोस्तों की साइकिलें ही अधिक थीं
कभी-कभार
अजनबियों की साइकिलों पर भी बैठने का अवसर मिला
एक समय वह भी था
जब मान और शान की
सवारी मानी जाती थी साइकिल
मेरी जीवन-यात्रा में
अनेक साइकिलों का साथ रहा
समय की आवाजाही में
कुछ साइकिलें खराब हो गयीं
और कुछ हो गयीं गुम
स्मृतियों के संसार में
एक साइकिल बची रही
जिस पर बैठकर
मैं पहली बार शहर गया
पिताजी संग दशहरा देखने के लिए
वहीं पर मैंने
सैकड़ों साइकिलें देखी थीं एकसाथ
घर लौटते हुए
पिताजी ने खिलाई थी
गरमागरम रस भरी जलेबी
जिसकी चाशनी की मिठास
जिंदा है आज भी मेरे स्वाद में
चमचमाती कारों की तुलना में
साइकिलें आज भी
मुझे आकर्षित करती हैं
जब कभी
यादों की सड़क पर निगाह जाती है
दूर से ही दिखाई देती है
चलती हुई साइकिल।
2. दुलार
गमलों में अलग-अलग
किस्म के पौधे और बेलें हैं
एक गमले का पौधा
जो कभी हरा-भरा था
इन दिनों सूख गया है
अलग-थलग एक कोने में उदास रहता है
दूसरे-तीसरे दिन
पौधों में पानी लगाता हूँ
पानी पीकर पौधे
शिशुओं की तरह निश्चल हँसते हैं
खाद-पानी के दौरान
मैं सूखे पौधे को भी
हरे पौधों की तरह दुलारता हूँ
जो आज सूखा है
सदा सूखा ही रहेगा
जरूरी तो नहीं
संभव है
पानी और प्यार पाकर
वह भी मुस्कुरा दे एक दिन।
3. पूजा
सेठ जी हर रोज
सुबह-शाम मंदिर जाते हैं
भगवान को प्रसन्न करने के लिए
ढेर सारा चढ़ावा चढ़ाते हैं
घण्टों पूजा-पाठ करते हैं
पुजारी सेठ जी को बहुत मानता है
उनका ख़ास ख्याल रखता है
सेठ जी के घर में
नौकर-चाकर काम करते हैं
उनमें से कोई
जब कभी
बीमार पड़ जाता है
और अपने काम पर नहीं आ पाता
सेठ जी तनख्वाह में से
पैसे काट लेते हैं
सेठ जी बहुत भक्ति-भाव वाले हैं
रोज
सुबह-शाम मंदिर जाते हैं।
4. उपस्थिति
अनुपस्थित की
उपस्थिति
कभी-कभी
उपस्थिति से
ज्यादा असरदार होती है।
5. अचानक
अचानक एक दिन
तुम्हें उसके न रहने की
दुखद खबर मिलती है
कुछ पल तुम खबर से गुत्थमगुत्था होते हो
और ख़बर तुम्हें दबोच लेती है
जाने वाले की स्मृतियों की संदूक
अपने-आप खुल जाती है तुम्हारे सामने
तुम स्मृति को छूकर महसूस करना चाहते हो
उससे हुई आखिरी मुलाकात
तुम्हारे गले में बॉंहें डाल कर झूलने लगती है
तुम चाहकर भी
हटा नहीं पाते हो उसे
परस्पर हँसते-बोलते हुए
उसकी दिल छूने वाली कोई बात
देर तक तुम्हें कचोटती है
तुम्हें वह सब याद आता है
जिसे तुम उसके साथ जीना या करना चाहते थे
लेकिन!जो अब
जीवन में कभी संभव न होगा
तुम खुद को
उस गुफ़ा में घिरा पाते हो
जहाँ से बाहर निकलने का रास्ता
दिखाई नहीं देता
तुम पुकारना चाहते हो
लेकिन!शब्द गले में कहीं फँस जाते हैं
तुम्हारी आँखों से
गाल पर लुढ़क कर कुछ गिरता है
तुम उसे हटाना चाहते हो
पर हाथ नहीं हिला पाते।