इंटरार्क प्रबंधन द्वारा समझौता न लागू करने के विरोध में कंपनी मजदूरों का प्रदर्शन

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24 अप्रैल। उत्तराखंड के रुद्रपुर में इंटरार्क मजदूर संगठन ने जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुए समझौते को इंटरार्क प्रबंधन द्वारा लागू न करने के कृत्य को शर्मनाक बताते हुए इसे कंपनी की साख को समाज में गिराने की वाली कार्रवाई करार दिया है। इसी के साथ आज इंटरार्क के किच्छा एवं पन्तनगर प्लांट के करीब 450 मजदूरों ने हस्ताक्षर कर एक सामूहिक ज्ञापन कंपनी के नोएडा मुख्यालय के सीईओ और प्लांट हेड को प्रेषित किया और माँग की कि तत्काल उक्त समझौते को लागू कर ओड़ी से लौटे 28 मजदूरों की सवैतनिक कार्यबहाली; समझौते के अनुसार मजदूरों की 1700 रुपये वेतन वृद्धि और उसी अनुरूप एरियर दिया जाए।

यूनियन ने बताया कि प्रबंधन द्वारा श्रमिकों की वेतन वृद्धि भी महज 700 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक ही की गई है और इसी हिसाब से श्रमिकों को 3 माह का एरियर भेजा गया है। जबकि समझौते में 1700 रुपये वेतन वृद्धि की बात तय हुई थी। स्पष्ट है कि प्रबंधन बेखौफ होकर प्रशासन की मध्यस्थता में सम्पन्न समझौते का घोर उल्लंघन कर मनमानी कर रहा है। यूनियन ने शीर्ष प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा न होने पर गम्भीर औद्योगिक अशान्ति उत्पन्न हो सकती है, जिसके लिए कंपनी प्रबंधन की हठधर्मिता ही पूरी तरह जिम्मेदार होगी। यूनियन ने यह भी बताया कि आज इंटरार्क कंपनी के ए शिफ्ट के मजदूर विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ अपर जिलाधिकारी से मिलकर समझौता लागू कराने की माँग भी करेंगे।

(‘मेहनतकश’ से साभार)

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