6 मई। झारखंड के हजारीबाग जिले में पटना-बरही एनएच-31 के चौड़ीकरण में अब तक कई रैय्यतों को मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हुआ है, जबकि उनके मकान तोड़े जा चुके हैं। इसे लेकर रैय्यत परेशान हैं। ऐसे में शुक्रवार से रैय्यतों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। रैय्यतों का कहना है, कि मुआवजा राशि के उचित भुगतान को लेकर मंत्री तक गुहार लगा चुके हैं। परंतु अभी तक उन्हें न्याय नहीं मिल सका है। पीड़ित मनोज केसरी ने मीडिया के हवाले से बताया, कि प्रावधान के अनुसार मुआवजा दिये बगैर निर्माण स्थल हटाना गैरकानूनी है। जबकि अधिकारियों द्वारा जबरन निर्माण स्थलों को तोड़ा जा रहा है।
रैय्यतों ने आगे कहा कि मुआवजे के संबंध में सिर्फ एक ही बात बताई जा रही है कि 17 अप्रैल को ही मामला और राशि कोर्ट को सुपुर्द किया जा चुका है। परंतु कोर्ट से अब तक किसी भी रैय्यत को कोई सूचना या समन नहीं मिला है। लोगों का आरोप है, कि मुआवजा भुगतान में पैसे का खेल हो रहा है। जो रैय्यत इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं, उन्हें परेशान किया जा रहा है। यह जाँच का विषय है। इस संबंध में पूछे जाने पर डीएलओ ने बताया कि मामला कोर्ट में भेजा जा चुका है। रैय्यतों की राशि भी कोर्ट को सुपुर्द की जा चुकी है। उन्होंने बताया, कि राशि सीधे व्यवहार न्यायाधीश वरीय कोर्ट वन को भेजी गई है। परंतु न्यायाधीश के निर्देशानुसार यह राशि कोर्ट की अलग समिति को हस्तांतरित किया जा चुका है। जिसे भी संदेह हो वह उनके कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।