17 मई। राजस्थान के भाखड़ा क्षेत्र के किसान संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले अनवरत धरने पर हैं। किसानों ने अब आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है। किसानों का आरोप है कि सरकार और प्रशासन ने पानी चलाने का वादा किया था, लेकिन अब तक किसी ने उसे पूरा नहीं किया। इससे खेत प्यासे हैं, बीबीएमबी की बैठक में राजस्थान की भाखड़ा नहर के लिए 850 क्यूसेक हिस्सा तय किया गया है। फिलहाल विभागीय अधिकारी वादे के मुताबिक नहर में पानी नहीं चला पा रहे हैं। इससे किसानों में रोष बढ़ रहा है। जिला परिषद सदस्य मनीष मक्कासर ने कहा कि राज्य सरकार को प्रयास करना चाहिए कि भाखड़ा नहर में जल्द पानी चलाया जाए। जिससे किसान कपास की बिजाई कर सकें।
कलेक्टर के आह्वान पर रविवार को किसानों व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच वार्ता भी हुई थी। इसमें किसान नेताओं ने भाखड़ा नहर में 1250 क्यूसेक पानी चलाने की दो टूक माँग की। किसानों के आक्रोश को देखते हुए पड़ाव स्थल पर पुलिस बल बढ़ा दिया गया है। कृषि उपज मंडी समिति हनुमानगढ़ के सचिव सीएल वर्मा का कहना है कि पिछले एक दशक की बात करें तो तीन साल से इसके रेट सही मिल रहे हैं। इससे पहले कपास के रेट इतने अच्छे नहीं रहे हैं। दो-तीन साल से रेट अच्छे मिलने से किसानों का रुझान कपास की बिजाई की ओर लौटने लगा है। लेकिन सिंचाई के लिए पानी नहीं होने के कारण किसान कपास की बुआई नहीं कर पा रहे हैं।
(‘आपका राजस्थान’ से साभार)