किसानों पर दोहरी मार, पहले बारिश से प्याज की फसल हुई बर्बाद, अब 1 रु.किलो में भी खरीदार नहीं

0

18 मई। पिछले दिनों इंदौर जिले में हूई बारिश और ओलावृष्टि से प्याज की फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसानों को गेहूं के बाद अब प्याज भी रुला रहा है। बारिश से खेतों में ही प्याज सड़ने लगा था जिसे किसानों ने निकाला। एक तरफ फसल खराब हो गई दूसरी तरफ अब जब उसे मंडी में बेचने के लिए ले जा रहे हैं तो किसानों को एक रुपए किलो भी भाव नहीं मिल रहा है। जिसके चलते किराया भाड़ा भी नहीं मिल रहा है।

बेमौसम बारिश से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने गत दिनों मध्य प्रदेश सरकार से मांग की थी कि वह तत्काल फसलों का सर्वे कराकर किसानों को आरबीसी 6 /4 के तहत मुआवजे का वितरण करे। सरकार ने अभी तक इन किसानों को कोई राहत नहीं दी है ।

संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव, शैलेंद्र पटेल, लाखन सिंह डाबी ने बताया कि जिन किसानों ने प्याज की बोवनी की थी उनका प्याज खेतों में ही सड़ गया है। पहले अतिवृष्टि से गेहूं का भाव नहीं मिला था और अब प्याज कौड़ियों के मोल बिक रहा है ।

पानी लगने से अब प्याज संग्रहण लायक भी नहीं बचा है। पूरे जिले मैं करीब 13000 हेक्टेयर से ज्यादा में प्याज की फसल बोई गई थी जिसमें से अधिकांश फसल खराब हो गई है। उद्यानिकी विभाग के उप संचालक भी मान रहे हैं कि जिले में 993 हेक्टेयर फसल खराब हुई है जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है।

बारदाखेडी के महेंद्र कैलाश पटेल, पंथ बडोदिया के सतीश बडवाया, अटाहेडा के यशवंत सुनेरसिंह बीसी कई कांकवा गांव के बहादूर शिवनारायण व मनोहर सीताराम राठौर ने बताया कि उनके द्वारा प्याज की फसल लगाई थी जो खेत में ही सड़ गई हैं। पहले किसान भाव नहीं मिलने पर प्याज को संग्रहित कर लेता था लेकिन फसल खराब होने से अब प्याज संग्रहण लायक भी नहीं बचा है, इस कारण मंडी में बेचने ले जाने के बजाए प्याज को उखाड़कर जानवरों को खिलाया जा रहा है या फेंका जा रहा है।

पंथ बडोदिया के किसान सतीश बड़वाया ने बताया कि उसने दो बीघा में प्याज बोया थी अधिकांश प्यास खराब हो गया है और उसे संग्रहित भी नहीं किया जा सकता है इसलिए प्याज को फेंकना पड़ रहा है तथा भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि किसानों को तत्काल फसल नुकसानी का मुआवजा दिया जाए। साथ ही तत्काल धारा आरबीसी 6-4 के तहत किसानों के खातों में राशि डाले जाने की मांग की है।

Leave a Comment