रोजगार के लिए देशव्यापी युवा आंदोलन की तैयारी हुई तेज

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14 जून। किसान आंदोलन के बाद देश में अब एक युवा आंदोलन की तैयारी जोरों पर है। महँगाई और भीषण बेरोजगारी के कारण उपजा असंतोष अब आकार लेने लगा है। इस चुनौतीपूर्ण और बड़े कार्य के पीछे युवा हल्लाबोल के संस्थापक अनुपम और उनकी टीम है। हाल ही में उनकी पहल पर 113 संगठनों और समूहों ने साथ आकर ‘संयुक्त युवा मोर्चा’ का गठन किया है। एक व्यापक आंदोलन की जमीन तैयार करने के उद्देश्य से देश भर में बैठकों का दौर जारी है।

ज्ञात हो कि बीते 3 अप्रैल को देश के 22 राज्यों से आए समूह और संगठनों ने रोजगार के मसले पर दिल्ली में जुटकर ‘संयुक्त युवा मोर्चा’ का गठन किया था। बैठक में युवा नेताओं, विभिन्न राज्यों के भर्ती समूह और रोजगार के मसले पर कार्य कर रहे संगठनों ने हिस्सा लिया। कई राज्यों के भर्ती समूह जैसे बिहार शिक्षक अभ्यर्थी, मध्यप्रदेश शिक्षक अभ्यर्थी, उत्तरप्रदेश पुलिस अभ्यर्थी, उत्तराखंड बेरोजगार संघ, कार्यपालक सहायक, सेना अभ्यर्थी, राजस्थान लाइब्रेरियन अभ्यर्थी, रेलवे अभ्यर्थी, आशा वर्कर्स, कंप्यूटर शिक्षक अभ्यर्थी, महिला कामगार संघ, बिहार उर्दू अनुवादक, लेखपाल, खुदाई खिदमतगार सहित तमिलनाडु, केरल, जम्मू कश्मीर, पंजाब सहित 22 राज्यों के युवा समूहों ने एकसाथ आकर बड़े आंदोलन की जमीन तैयार करने के लिए एकजुट होने की घोषणा की थी।

राष्ट्रीय स्तर पर संघर्षरत युवा नेता अनुपम ने कहा कि युवाओं का आक्रोश आज इस स्तर पर पहुंच चुका है कि अब आंदोलन को कोई नहीं रोक सकता। गुजरात से लेकर अरुणाचल तक और तमिलनाडु से लेकर कश्मीर तक हर जगह युवाओं में गहरा असंतोष पनप रहा है। हम ‘संयुक्त युवा मोर्चा’ के माध्यम इसे एक सकारात्मक दिशा देने का काम करेंगे। देश के युवाओं को हताशा और निराशा से निकाल कर उम्मीद और समाधान की तरफ ले जाएंगे।

अनुपम ने तैयारियों का जिक्र करते हुए बताया कि एकसाथ लखनऊ, इलाहाबाद, जयपुर, अहमदाबाद, देहरादून, भोपाल सहित कई शहरों में बैठकों और संगठनों से संपर्क का कार्यक्रम चल रहा है। हमने मोर्चा के गठन के बाद देश के सौ जिलों में लीगल टीम बनाने की घोषणा की थी। लीगल टीम के गठन का काम पूरा हो गया है।

जुलाई में राजधानी दिल्ली में एक राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारी चल रही है। उम्मीद है कि इस सम्मेलन में ‘संयुक्त युवा मोर्चा’ के नेताओं के अलावा रेल यूनियन, बैंक यूनियन, इंश्योरेंस यूनियन सहित कई अन्य ट्रेड यूनियनों के नेता भी हिस्सा लेंगे। इसमें कोई दो राय नहीं कि बेरोजगार युवाओं और कर्मचारियों के साथ आने से आंदोलन की ताकत में और भी इजाफा होगा।

अनुपम ने कहा कि आज देश में हर स्तर पर नेतृत्व का संकट है। युवाओं को नशा, नफरत और नाकारेपन के अंधकार में धकेला जा रहा है। ऐसे में हर सच्चे देशप्रेमी की यह जिम्मेदारी है कि युवाओं के हक में अपनी आवाज बुलंद करें।

‘संयुक्त युवा मोर्चा’ का गठन न सिर्फ रोजगार आंदोलन के लिए किया गया है बल्कि यह हर प्रदेश में उभर रहे युवा नेतृत्व को तलाशने और तराशने का काम भी कर रहा है। मोर्चा के नेताओं के बीच आपसी समन्वय को बेहतर करने, उनकी वैचारिक गहराई को नया आयाम देने और रणनीतिक मंथन के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय शिविर की भी योजना है। इस शिविर में देशव्यापी आंदोलन की आगामी रणनीति पर विस्तार से बात होगी और विभिन्न राजनीतिक सवालों पर मोर्चा का क्या रुख हो इस पर भी गंभीर चर्चा होगी। इस निराशा के घुप्प अंधेरे में भविष्य की राह युवा आंदोलन ही दिखाएगा।

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