सुप्रीम कोर्ट ने सर्व सेवा संघ की याचिका का लिया संज्ञान; रेलवे को विध्वंस की कार्रवाई से रोका

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प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन गंगा में बहाने के लिए इकट्ठा हुए सत्याग्रही

7 जुलाई। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने रेलवे को विध्वंस की कार्रवाई सुनवाई तक स्थगित रखने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में सर्व सेवा संघ का पक्ष प्रख्यात अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने रखा; उन्होंने कहा कि जेपी, विनोबा, प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद, लालबहादुर शास्त्री आदि की कोशिशों से बनी हुई ऐतिहासिक महत्त्व की संस्था पर वर्तमान सत्ता और प्रशासन जो कर रहा है वो विधिक स्तर पर तो हमलोग यहाँ न्यायालय में लड़ेंगे ही, मगर असल मुद्दा है विचारधारा। गांधी की विचारधारा को चोट पँहुचाने की ये कोशिश वस्तुतः देश के उस ढांचे पर प्रहार है जिसे आजादी की लड़ाई के दौरान हमारे पुरखों ने बनाया है।

सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई पत्र की प्रति सर्व सेवा संघ की ओर से रेलवे, डीएम और कमिश्नर वाराणसी को दी गयी।

बनारस में राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ से संबंधित खबर आते ही करतल ध्वनि से स्वागत किया गया। सर्व सेवा संघ में आन्दोलन के 48वें दिन उपवास का कार्यक्रम रखा गया। कार्यक्रम समन्वयक रामधीरज की अगुवाई में 50 से ज्यादा लोगों ने दिन भर उपवास पर रहकर सत्ता के मनमानेपन के खिलाफ चल रहे इस ‘सविनय अवज्ञा सत्याग्रह’ में एकजुटता प्रदर्शित की।

उपवास स्थल पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई की खबर आते ही बनारस भर से सामाजिक राजनैतिक लोग जुटने लगे।

उपवास स्थल पर हुई जनसभा में कांग्रेस पार्टी की ओर से पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्रा और प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि सर्व सेवा संघ के विचार और आत्मा पर आरएसएस की कुदृष्टि है और इमारत पर भारतीय जनता पार्टी की है। रामनगर से दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन तक रेलवे लाइन बिछाते हुए फ्रेट कॉरिडोर का आज प्रधानमंत्री उदघाटन कर रहे हैं। बैरवन मोहन सराय में ट्रांसपोर्ट नगर में गांव के किसानों को बर्बर तरीके से मारपीट कर जमीन जबरन अधिग्रहण की जा रही है। यहाँ राजघाट में भी ये सब कवायद जो हो रही है उसके पीछे असल मामला जमीन हथियाना है और अपने पूंजीपति मित्रों को गिफ्ट देना है।

आम आदमी पार्टी की ओर से देवकांत वर्मा और मेयर प्रत्याशी रही शारदा टंडन ने कहा कि सर्व सेवा संघ एक ऐतिहासिक जगह है।

यहाँ के वरिष्ठ गाँधीजनों ने पीएम मोदी के बनारस आगमन पर उनसे मिलने का समय माँगा था लेकिन न तो पीएम कार्यालय ने और ना ही प्रशासन ने मिलने का कोई समय दिया।

शाम 4 बजे तक इंतजार के बाद प्रधानमंत्री को संबोधित चिट्ठी जागृति राही ने पढ़कर सुनायी। सर्व सेवा संघ पर सरकार और प्रशासन की तरफ से हो रही कार्यवाही से असहमति जाहिर करती हुई इस चिट्ठी का जनसभा ने सर्व सेवा संघ बचाओ, गांधी-जेपी की विरासत बचाओ आदि नारों से समर्थन किया।

सभास्थल पर इस बात पर आक्रोश व्यक्त किया गया कि बीएचयू के वे छात्र जो सर्व सेवा संघ आंदोलन को समर्थन देने के लिए शुक्रवार को राजघाट आ रहे थे, उन्हें पुलिस ने हॉस्टलों में नजरबंद कर दिया। ये लोकतांत्रिक व्यवस्था का अतिक्रमण है। आपातकाल की बरसी मना रहे मोदी जी, छात्रों के सवाल को दबाकर क्या सन्देश देना चाहते हैं? हम प्रशासन से मांग करते है कि छात्रों को तत्काल छोड़ा जाए।

इसके बाद शाम 5 बजे जुलूस के रूप में परिसर से निकलकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन माँ गँगा को सुपुर्द कर दिया गया। माँ गंगा से आग्रह किया गया कि आप ही पीएम को, जो अपने आप को आपका पुत्र कहते हैं, यह पत्र पहुंचा दीजिए और उनसे इस मामले में न्यायोचित कार्यवाही करने को कहें। प्रधानमंत्री को संबोधित पत्र कार्यक्रम संयोजक रामधीरज ने गंगाजी में प्रवाहित कर याचना की।

सभा में प्रमुख रूप से सर्व सेवा संघ अध्यक्ष चन्दन पाल, रामधीरज, अमरनाथ, डॉ अनूप श्रमिक, नंदलाल मास्टर, अजय राय, डॉ राजेश मिश्रा, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, जागृति राही, वल्लभाचार्य, सिराज भाई, किसान यूनियन नेता लक्ष्मण प्रसाद, संजीव सिंह, शिवजी सिंह, विजयशंकर पांडेय, वैभव त्रिपाठी, विनोद शुक्ला, आशीष सिंह, धनंजय, नीति, डॉ इंदु पांडेय, रैनी, शिवांगी, दीक्षा, शाहिद जमाल, हाजी ओकाश, सतनाम सिंह, विकास कनोडिया, सिस्टर फ्लोरेन, जितेंद आदि मौजूद रहे।

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