12 जुलाई। मध्य प्रदेश में संवैधानिक अधिकारों की माँग कर रहे आदिवासियों पर ताजा हमले में ‘जागृत आदिवासी दलित संगठन’ की कार्यकर्ता माधुरी को एक साल के लिए बुरहानपुर से जिलाबदर कर दिया गया है। माधुरी ने कानूनी जागरूकता अभियान का नेतृत्व किया और क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध वन कटाई के खिलाफ हाल के अभियान में भी सक्रिय थीं। ‘जागृत आदिवासी दलित संगठन’ के आदिवासी कार्यकर्ताओं ने एक बयान जारी कर कहा, आदिवासी अपने अधिकारों का दावा करते हैं, तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को डर क्यों लगता है?
आदिवासी कार्यकर्ताओं ने एलान किया है कि वे आदिवासी आंदोलन पर इस हमले से दबेंगे नहीं और न ही आंदोलन मध्य प्रदेश सरकार और उसके प्रशासन द्वारा किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाना बंद करेगा। इसके अलावा आदेश के खिलाफ न केवल उच्च न्यायालय में अपील की जाएगी, बल्कि संगठन जल-जंगल-जमीन के विनाश का विरोध करने वाली आवाजों को दबाने की साजिश का खुलासा करने के लिए एक व्यापक अभियान भी चलाएगा।
पिछले 5 वर्षों से जेएडीएस कार्यकर्ता और सदस्य एकजुट होकर न केवल अपने अधिकारों के लिए अभियान चला रहे हैं, बल्कि वन विभाग की मिलीभगत से संभव हो रहे अवैध वन कटाई का भी लगातार विरोध कर रहे हैं। अक्टूबर 2022 में शुरू हुई व्यापक वन कटाई में लगभग 15,000 एकड़ वनभूमि पर पेड़ों की हानि हुई और करोड़ों की लकड़ी की अवैध तस्करी हुई। निस्संदेह प्रशासन और राज्य सरकार द्वारा इस कृत्य को बढ़ावा दिया गया।
बुरहानपुर में वन विभाग वर्षों से वन अधिकार दावेदारों को अवैध रूप से बेदखल करने का प्रयास कर रहा है, जबकि विभाग के नाक के नीचे हो रही अवैध कटाई धड़ल्ले से जारी है। विभाग इस पर बिल्कुल मौन है। हालाँकि, वन विभाग को अपनी अवैध गतिविधि के खिलाफ अभूतपूर्व प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, क्योंकि आदिवासियों ने पिछले कुछ वर्षों में अपने अधिकारों का दावा करना शुरू कर दिया है।