सविनय अवज्ञा सत्याग्रह का 57वॉं दिन; समर्थन में वकीलों ने बनाई टीम

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16 जुलाई। 16 जुलाई 2023, रविवार को सर्व सेवा संघ परिसर वाराणसी में सत्याग्रह का 57वॉं दिन था।

रविवार के सत्याग्रह की शुरुआत करते हुए गांधी-जेपी विरासत बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक रामधीरज ने बताया कि सरकार द्वारा अखबारों में छपवाए गए बयान कि “सर्व सेवा संघ की जमीन पर रेलवे का मालिकाना हक है” पूर्णतया भ्रामक एवं तथ्यहीन हैं, जिसकी निंदा की गई!

रामधीरज भाई ने सभा को संबोधित करते हुए सभी को बताया कि सर्व सेवा संघ के पास संबंधित जमीन की क्रय-डीड एवं चालान द्वारा जमा की गयी धनराशि की रसीद भी है तथा नगर निगम में जो टैक्स जमा होता रहा है, उसकी भी रसीद है। और 63 सालों से हम यहां पर लगातार काबिज हैं, ऐसी दशा में रेलवे का यह दावा अनुचित है व भ्रांति फैलाने की मंशा से किया गया है।

रविवार को सत्याग्रह में वाराणसी सिविल बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने समर्थन दिया। साथ ही उन्होंने इस पूरे आंदोलन के कानूनी पहलुओं की लड़ाई के लिए एक लीगल टीम बनाई है, जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता भुवन मोहन श्रीवास्तव की अगुवाई में केसर राय, प्रेम प्रकाश यादव, राजेश कुमार यादव, रामदुलार, संजीव सिंह, अजय मुखर्जी, सुरेंद्र चरण, नीतू पांडे, राजेश कुमार दीक्षित, अफलातून देसाई आदि अधिवक्तागण शामिल हैं।

अधिवक्ताओं ने जिला प्रशासन एवं रेलवे की कार्रवाई को अनुचित एवं अवैधानिक बताया है।

अधिवक्ताओं ने कहा कि यह आश्रम 63 सालों से यहां मौजूद है और समाज निर्माण का काम कर रहा है। ऐसी दशा में संस्था का कानूनी हक है कि उसे यहां से हटाया नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि सर्व सेवा संघ की रजिस्ट्री बिल्कुल सही और वैधानिक है। उसे कोर्ट की प्रक्रिया के बगैर, महज डीएम के आदेश से, निरस्त नहीं किया जा सकता।

विद्वान अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गॉंधी और आचार्य विनोबा भावे, लोकनायक जयप्रकाश नारायण की विरासत को बचाना एवं संरक्षित करना सरकार का काम है, उसे ध्वस्त करना नहीं; यह अनुचित एवं अवैधानिक है। इस पूरे मामले में जहां कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन होगा, हम सब सामूहिक रूप से विरोध करेंगे।

अधिवक्ताओं ने इस पूरे मामले में जिला अधिकारी, एसडीएम और रेलवे द्वारा की गई कार्यवाही की समीक्षा की, और बताया कि इसमें कई कानूनी खामियां हैं; डीएम एसडीएम ने अपने पद और अधिकार का दुरुपयोग किया है। जिसके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

वरिष्ठ अधिवक्ता और पीयूसीएल के सदस्य केसर राय ने कहा कि हर नागरिक का अपना अधिकार होता है जिसको सुरक्षित करना न्यायालय एवं राज्य की जिम्मेदारी होती है लेकिन यहां तो नागरिक, संस्था तथा पर्यावरण के हितों की अनदेखी किया जा रहा है इसलिए हम न्यायालय से स्वत: संज्ञान लेने की अपील करते हैं।

रविवार को रामधीरज की अध्यक्षता में हुई सत्याग्रह सभा का संचालन डॉ अनूप श्रमिक ने किया। उपस्थित सत्याग्रहियों में जागृति राही, जितेन्द्र, गोपाल पाण्डेय, गीता शर्मा, रवि गुप्ता, संजीव सिंह, प्रो. आरपी सिंह, मिर्जापुर के पर्यावरण विशेषज्ञ प्रदीप शुक्ला, सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं एवं परिसर के सपरिवार कर्मचारियों, नागरिक समाज, सर्वोदय मंडल, पड़ाव से धरकार समाज (बांस फोड़), भारी संख्या में महिलाएं व बच्चे, सफाईकर्मी और वाराणसी सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं का समूह शामिल हुए।

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