20 जुलाई। नया मामला एक समुदाय विशेष की दो महिलाओं को अन्य समुदाय के लोगों द्वारा निर्वस्त्र कर, उनसे छेड़छाड़ करते हुए उन्हें सड़कों पर घुमाने के वायरल हुए वीडियो के जरिये सामने आया है।
कुकी समुदाय गुरुवार को चुरचांदपुर में प्रस्तावित विरोध मार्च के दौरान इस मुद्दे को भी उठाने की योजना बना रहे हैं।
कुकी समुदाय की इस पहल से जाहिर है कि निर्वस्त्र महिलाएं किस समुदाय की हैं और उनका यौन उत्पीड़न करने वाले वहशी अपराधी किस समुदाय के हैं।
ये भी स्पष्ट है कि इन वहशियों पर मणिपुर की डबल इंजिन सरकार मेहरबान है, तभी तो अपराधियों को अभी तक गिरफ्तार भी नहीं किया जा सका है।
मणिपुर के बिगड़ या बिगाड़े जा चुके हालात को ठीक करने के लिए अमेरिका पेशकश कर चुका है और यूरोपीय संसद भी चिंता जाहिर कर चुकी हैं।
लेकिन अफसोसनाक हैरतअंगेज तथ्य तो ये है कि अपने हिन्दूराष्ट्रवादी सपनों के अलंबरदार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा, नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा की अध्यक्षीय आसंदी के पीछे आरएसएस के पाखंडी सपनों के अखंड भारत का नक्शा तो लगाया जाता है लेकिन वर्तमान भारत के ही एक हिस्से मणिपुर की विभाजक घटनाओं का रत्तीभर भी संज्ञान न तो आज तक लिया गया है और न ही आगे कोई आसार नजर आ रहे हैं।
मैतेई हिन्दुओं और कुकी नागा ईसाइयों के बीच चल रहे हिंसक संघर्ष की आग में मणिपुर को एक सोची-समझी रणनीति के तहत ही, अगर झोंका न गया होता तो क्या भारत के हरेक हिस्से की सुरक्षा और सद्भावना के लिए वचनबद्ध प्रधानमंत्री का मणिपुर के प्रति बरता जा रहा ये उपेक्षापूर्ण रवैया संभव था?
बकौल दुष्यंत –
लहूलुहान नजारों का जिक्र आया तो,
शरीफ लोग उठे, दूर जाके बैठ गए।
– विनोद कोचर