25 जुलाई। रक्षा और घरेलू उद्देश्यों के लिए सेना के वाहनों, मेट्रो कोच और खनन वाहनों के निर्माण की कंपनी भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड(बीईएमएल) के मजदूर निजीकरण के खिलाफ पलक्कड़ में 31 माह से संघर्षरत हैं। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने 56,000 करोड़ रुपये की ‘मिनी रत्न कंपनी’ को 2,000 करोड़ रुपये से कम कीमत पर बेचने की कोशिश की है। जॉइंट एक्शन काउंसिल के तहत ट्रेड यूनियनों ने 6 जनवरी, 2021 से मानव श्रृंखला, कैंडल मार्च, विरोध प्रदर्शन और धरने आयोजित किए हैं।
बीईएमएल जैसी मिनी रत्न कंपनी के निजीकरण के जल्दी में लिये गए फैसले के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन अनवरत जारी है। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन की राज्य समिति के सदस्य एसबी राजू ने मीडिया के हवाले से बताया, कि निजीकरण के खिलाफ महामहिम राष्ट्रपति को कर्मचारियों ने एक लाख हस्ताक्षर भेजे थे। सरकार अधिकारियों की सालाना समीक्षा करने की योजना बना रही है। कर्मचारियों का भविष्य दांव पर है। राजू ने आगे बताया, कि कर्मचारियों ने स्थायी आदेश जारी करने के प्रस्ताव को केंद्रीय श्रम आयुक्त के समक्ष चुनौती दी है, जिसमें 50 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों को रिटायर करने के लिए मजबूर करने का प्रस्ताव है।