छ.ग. संयुक्त किसान मोर्चा ने सूखे पर चिंता जताई, जैविक खाद के नाम पर अमानक खाद देने का विरोध

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1 अगस्त। संयुक्त किसान मोर्चा के छत्तीसगढ़ राज्य संयोजक मंडल ने राज्य के एक बड़े हिस्से में पर्याप्त बारिश के अभाव में पसरते सूखे पर गंभीर चिंता व्यक्त की है तथा राज्य की कांग्रेस सरकार से किसानों को राहत देने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है। किसान मोर्चा का आकलन है कि नियमित बारिश के अभाव में अब किसानों को हो चुकी अपूरणीय क्षति की भरपाई केवल सरकारी राहत से ही संभव है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने जैविक खाद के नाम पर किसानों को जबरन अमानक खाद थमाने का भी विरोध किया है तथा कहा है कि जैविक खाद को लेना या न लेना किसानों की स्वेच्छा पर छोड़ा जाना चाहिए। मोर्चा ने सवाल किया है कि जब हजारों करोड़ खर्च करके गोठान बनाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, तब सड़कों पर आवारा पशु घूमते हुए नजर क्यों आ रहे हैं? मोर्चा ने महासमुंद में किसान आत्महत्या पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया है और कहा है कि इससे किसान योजनाओं की हकीकत खुलकर सामने आ गई है। वास्तव में प्रदेश का किसान महाजनी कर्ज में डूबा हुआ है और उसे इस कर्ज से मुक्त करने के लिए सरकार के पास कोई नीति नहीं है।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की आज यहां हुई बैठक में राज्य में किसानों की ज्वलंत समस्याओं पर आंदोलन-अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। इस सिलसिले में 9 अगस्त को वन संरक्षण कानून में किये गए कॉर्पोरेटपरस्त बदलाव तथा वनाधिकार कानून को कमजोर किये जाने के खिलाफ प्रदेश के जनवादी और आदिवासी संगठनों के साथ मिलकर “कॉर्पोरेट भगाओ – देश बचाओ” दिवस मनाया जाएगा तथा आदिवासी अस्मिता को केंद्र में रखकर आदिवासियों पर राज्य प्रायोजित हमलों का विरोध किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने मणिपुर में कुकी आदिवासियों पर हो रहे बर्बर हमलों की भी तीखी निंदा की है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने मोदी सरकार पर किसानों से किये गए वादों के साथ विश्वासघात करने और संवैधानिक मूल्यों का हनन करने का आरोप लगाया है। इसके खिलाफ 14 अगस्त को प्रदेश के सभी किसान संघर्ष केंद्रों पर संविधान की रक्षा के लिए रतजगा करने के कार्यक्रम की घोषणा की है। सुबह 15 अगस्त को झंडोत्तोलन के साथ इसकी शपथ भी ली जाएगी।

संयुक्त किसान मोर्चा का राज्यस्तरीय सम्मेलन 3 सितम्बर को आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों और राज्य के किसानों की समस्याओं को हल करने में भूपेश बघेल सरकार की नाकामी के खिलाफ आगामी अभियान-आंदोलन पर फैसले लिये जाएंगे। इस सम्मेलन में डॉ सुनीलम, दर्शनपाल सिंह, हन्नान मोल्ला, बादल सरोज आदि भी भाग लेंगे।

बैठक की शुरुआत में शहीद उधमसिंह को उनके शहादत दिवस पर याद किया गया तथा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।


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