2 अगस्त। कर्नाटक के किसानों की समस्याओं को लेकर किसान नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने कल 2 अगस्त को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात की। दिल्ली में कर्नाटक भवन में हुई इस मुलाकात के दौरान भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत, कर्नाटक विधान परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष एवं विधायक बीआर पाटिल, किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ सुनीलम, लोक संघर्ष मोर्चा की प्रतिभा शिंदे, महाराष्ट्र से एमएलसी विद्या चौहान शामिल थे।
किसान नेताओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि बेल्लारी जिले में हजारों किसान करोड़ों के कर्ज से मुक्ति के लिए गत 8 महीने से आंदोलन चला रहे हैं।
कर्नाटक ग्रामीण बैंक द्वारा 22 जिलों के लाखों किसानों से करोड़ों रुपए की वसूली गैरकानूनी तौर पर की गई है।
किसान नेताओं ने कहा कि जब केंद्र सरकार पूंजीपतियों का 10 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर सकती है तो किसानों का कर्जा माफ क्यों नहीं किया जाता? उन्होंने मुख्यमंत्री से किसानों की कर्ज मुक्ति की मांग की।
मुख्यमंत्री सिद्धारामैया से बातचीत के बाद किसान नेताओं ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कर्नाटक के किसानों की समस्याओं को लेकर फिर एक प्रतिनिधिमंडल वहाँ के मुख्यमंत्री से 22 अगस्त को बेंगलुरु में मुलाकात करेगा ताकि किसानों की समस्याओं को हल किया जा सके।
किसान नेताओं ने बताया कि 380 दिन दिल्ली के बॉर्डरों पर और बाकी देश में चले संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन में 715 किसानों की शहादत देकर जिन 3 किसान विरोधी कानूनों को मोदी सरकार से वापस कराया था उन्हें भाजपा की तत्कालीन सरकार ने पिछले दरवाजे से कर्नाटक में लागू कर दिया था जिन्हें रद्द करने की अपेक्षा किसान संगठन कर्नाटक की सरकार से करते हैं । इसी कारण मुख्यमंत्री से फिर मुलाकात की जाएगी।