वाराणसी के कमिश्नर से मिला नागरिक समाज का प्रतिनिधिमंडल, भगतसिंह स्टूडेंट्स मोर्चा के लिए न्याय की मांग

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18 सितंबर। सोमवार 18 सितंबर को बनारस नागरिक समाज का प्रतिनिधिमंडल कमिश्नर से मिला और भगतसिंह स्टूडेंट्स मोर्चा (बीएसएम) के लिए न्याय की मांग की।

गौरतलब है कि एनआईए की टीम ने बीएसएम की अध्यक्ष आकांक्षा आज़ाद और सहसचिव सिद्धि बिस्मिल के कमरे पर आकर 8 घण्टे तक पूछताछ की और संगठन का अखबार ‘मशाल’ समेत अन्य मैगज़ीन उठाकर ले गयी है। इसके बाद कई अन्य फर्जी मामलों में फंसाकर संगठन पर दमन की तैयारी में है।

बीएसएम तेरह सालों से बीएचयू में सक्रिय है और लगातार विद्यार्थियों के साथ-साथ देशभर के मामले में अपनी भागीदारी करता रहता है। अपने कामों की बदौलत ही बीएसएम उत्तरप्रदेश समेत देशभर में चर्चा में रहता है। एनआईए द्वारा यह छापेमारी उत्तर प्रदेश में 8 सामाजिक राजनैतिक कार्यकर्ताओं के यहां की गई और इनपर माओवाद के नाम पर फर्जी आरोप लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराजगंज, तमिलनाडु सहित लगातार कई राज्यों में “माओवाद” और “आतंकवाद” के नाम पर लोगों को फंसाया जा है। दक्षिणी राज्यों में जैसे तमिलनाडु और तेलंगाना में, जहां भाजपा की पकड़ कमज़ोर है, वहां 30 जगहों पर छापेमारी कर ISIS का एजेंट बोलकर लोगों को फंसाया जा रहा है। इस सब का उद्देश्य है 2024 के चुनाव से पहले सभी जनवादी आवाजों को दबाना और माओवाद और आतंकवाद के नाम पर आम जनता में छद्म राष्ट्रवाद की भावना बढ़ाकर इन लोगों को आम जनता से अलग करना।

एनआईए के दमनकारी एक्शन के खिलाफ बनारस शहर के तमाम गणमान्य लोग बीएसएम के समर्थन में कमिश्नर से मिले। नागरिक समाज के लोगों ने कमिश्नर से एनआईए द्वारा परेशान किए जाने पर रोक लगाने और न्यायिक प्रक्रिया सुनिश्चित करने की मांग की। कमिश्नर ने कहा कि एनआईए रेड के दौरान वहां पहुंचे बीएसएम के एक साथी को थप्पड़ मारने और एक साथी को डेढ़ घंटे बिठाए रखने के मामले पर वे एलआईयू वालों से बात करेंगे। साथ ही मीडिया द्वारा झूठी और भ्रामक खबर फैलाए जाने के मामले में भी अपना हस्तक्षेप करेंगे।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे –

अधिवक्ता राजेश कुमार यादव
अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिंह यादव
नूर फातिमा (ऐपवा)
छेदीलाल निराला (PS4 प्रमुख)
मनीष शर्मा (कम्युनिस्ट फ्रंट)
संजीव सिंह (कांग्रेस प्रवक्ता)
चौधरी राजेन्द्र (सामाजिक कार्यकर्ता)
रामजनम (किसान नेता)
लक्ष्मण प्रसाद मौर्य (भा कि यू टिकैत)
सुक्खू मरावी (गोंडवाना गणतंत्र पार्टी)
अनूप श्रमिक (पूर्वांचल बहुजन मोर्चा)
सरफराज अहमद (सामाजिक कार्यकर्ता)
अंकित वर्मा (सिटीजन फ़ॉर जस्टिस एंड पीस)
सोनू , आदि।

समर्थन रहा –

विनोद कुमार सिंह (वरिष्ठ विचारक और लेखक)
विभा वाही (ऐपवा/सामाजिक कार्यकर्ता)
कृपा वर्मा (किसान नेता)

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