साल 2022 में हर दूसरे दिन एक पर्यावरण रक्षक की हत्या हुई

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पृथ्वी के रक्षा अभियान के दौरान लापता ब्रिटिश पत्रकार डोम फिलिप्स और ब्राजीलियाई ब्रूनो परेरा जिनकी बाद में हत्या कर दी गयी। (ट्विटर से प्राप्त छवि)

— शजेक जॉनसन —

26 सितंबर। मानवाधिकार समूह ग्लोबल विटनेस द्वारा हाल में जारी एक भयावह रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल दुनिया भर में लगभग 180 पर्यावरण रक्षकों की हत्या कर दी गई – लगभग हर दूसरे दिन एक हत्या। और पिछले दशक में ऐसे 1,900 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
समूह ने स्टैंडिंग फर्म नामक एक रिपोर्ट में 2022 में मारे गए लोगों के नाम प्रकाशित किए, जबकि यह स्वीकार किया कि “पिछले साल मारे गए कई रक्षकों के नाम गायब हो सकते हैं, और हम कभी नहीं जान पाएंगे कि कितने लोगों ने अपनी जान हमारे ग्रह की रक्षा के लिए दे दी।”

इस सूची में ब्राजील के स्थानीय लड़ाकू ब्रूनो परेरा और ब्रिटिश पत्रकार डोम फिलिप्स भी शामिल हैं, जिनकी पिछले साल ब्राजील की जवारी घाटी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ब्राजील के अधिकारियों ने हत्याओं के सिलसिले में कई लोगों पर आरोप लगाए, जिनमें वह व्यक्ति भी शामिल है जिसे अंतरराष्ट्रीय अवैध मछली पकड़ने के नेटवर्क का नेता माना जाता है।

ब्राजील पिछले साल कोलंबिया के बाद पर्यावरण और भूमि रक्षकों के लिए दूसरा सबसे घातक देश था, जहां 2022 में 60 लोगों की हत्या कर दी गई क्योंकि वे अपने समुदायों और बहुमूल्य स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा के लिए काम कर रहे थे।

2022 में दर्ज 177 हत्याओं में से लगभग 90% लैटिन अमेरिका में हुईं। 2022 में मारे गए पर्यावरण रक्षकों में से एक तिहाई से अधिक स्थानीय थे, 39 रक्षक अमेज़ॅन वर्षावन में मारे गए, जो अवैध कटाई, सोने के खनन और अन्य हानिकारक निष्कर्षण का विरोध कर रहे थे ।

ग्लोबल विटनेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि जंगल, भूमि और पर्यावरण के संरक्षक के रूप में अमेजन का इलाका विनाशकारी शोषण की अग्रिम पंक्ति में हैं। “उन्हें खतरनाक ताकतवर कंपनियों, क्रूर सुरक्षा बलों और अनुबंधित हत्यारों का सामना करना पड़ता है।” जैसे ही वे शक्तिशाली कृषि व्यवसाय, खनन और स्थानीय जलतंत्र के पक्ष में खड़े होते हैं, रक्षकों को व्यवस्थित रूप से डराया जाता है, अपराधी बनाया जाता है, हमला किया जाता है और हत्या कर दी जाती है। हर साल ये रक्षक, हमारे जीवन, हमारे घरों, आजीविका और हमारे ग्रह के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए अपने जीवन की कीमत चुकाते हैं।”

ग्लोबल विटनेस ने पाया कि 2015 में पेरिस जलवायु समझौते को अपनाने के बाद से कम से कम 1390 पर्यावरण रक्षक मारे गए हैं और बहुत कम अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जा सका, जो पृथ्वी को बर्बाद करने वाली प्रदूषणकारी गतिविधियों के खिलाफ लड़ने वालों के प्रति, सरकार और व्यवस्था में प्रतिबद्धता की कमी का संकेत देता है।

संगठन के सह-निदेशक श्रुति सुरेश ने कहा, “दुनिया भर की सरकारों को उन लोगों की संवेदनहीन हत्याओं पर तत्काल ध्यान देना चाहिए जो हमारे ग्रह के लिए लड़ रहे हैं ।” उन्होंने यह भी कहा, “उनके द्वारा सामना की जाने वाली हिंसा और अन्याय को समाप्त करने के लिए क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त कार्रवाई की आवश्यकता है। पहले ही बहुत-से लोगों की जान जा चुकी है। हम और अधिक नहीं खो सकते।”

रिपोर्ट में कहा गया है, “बड़े पैमाने पर और अप्रकाशित, ऐसे असंख्य हमले हैं जो किसी रक्षक की जान तो नहीं लेते, लेकिन उन्हें कमजोर कर मौलिक रूप से बदल देते हैं।” रक्षकों को उसी कानूनी प्रणाली का सामना करने के लिए मजबूर किया जा रहा है जिसे उनकी रक्षा करनी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन फ्रंटलाइन डिफेंडर्स के अनुसार, मानवाधिकार रक्षकों का अपराधीकरण – जिसमें गिरफ्तारी, हिरासत और कानूनी कार्रवाई शामिल है – सन 2022 में हमले के सबसे प्रमुख रूप थे।

ग्लोबल विटनेस में भूमि और पर्यावरण रक्षक अभियान की वरिष्ठ सलाहकार लॉरा फ्यूरोन्स ने एक बयान में कहा कि “शोध ने बार-बार दिखाया है कि स्थानीय लोग जंगलों के सबसे अच्छे संरक्षक हैं और इसलिए जलवायु संकट को कम करने में मौलिक भूमिका निभाते हैं।”

फ्यूरोन्स ने कहा, “अगर हमें जंगलों को खड़ा रखना है, तो हमें यह समझना होगा कि यह उन लोगों की सुरक्षा पर निर्भर करता है जो जंगल को अपना घर कहते हैं।” बढ़ते जलवायु आपातकाल से निपटना और मानवाधिकारों को कायम रखना साथ-साथ चलना चाहिए।

अनुवाद : उपेन्द्र शंकर

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