— डा जरनैल सिंह आनंद —
ये दिल मिठाई की दुकान हो
भरा खुशिओं से सारा जहां हो
तेरा किरदार भाई महान हो
तुम ही इंसानियत की शान हो
हमे सीखना है खुश रहना
रल मिल कर गली में बहना
साथ प्यार के सजते बाजार हैं
साथ नफ़रतें सब समशान हो
रब अपना है हम जीव रब के
छोटी बात करते नहीं फबते
बाग़ फूलों से खिलता रहे
भरा पक्षिओं से आसमान हो।
एहसास हमें हो सब का
यही चाहना है सच्चे रब का
कैसे पूजा करें बात दिल की
एक दुसरे को सभ परवान हो
ये दिल मिठाई की दुकान हो
भरा खुशिओं से सारा जहां हो
तेरा किरदार भाई महान हो