हाल ही में प्रकाशित (जून 2025) एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो आपातकाल (1975–1977) के दौर की एक कम जानी-पहचानी कहानी को अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है।
यह पुस्तक इंदिरा गांधी के आपातकाल का विरोध करने की कहानी भारत से नहीं, बल्कि अमेरिका में बसे भारतीय प्रवासियों के दृष्टिकोण से कहती है।
इसमें आनंद कुमार, एस. आर. हिरेमठ, और रवि चोपड़ा जैसे प्रमुख व्यक्तित्वों का वर्णन है, जिन्होंने इंडियंस फॉर डेमोक्रेसी (IFD) की स्थापना की।
इस संगठन ने अमेरिकी नागरिक समाज—जैसे शांतिवादी, क्वेकर, सांसद, विद्वान और भारतीय-अमेरिकी समुदाय—को भारत में हो रहे दमन के खिलाफ एकजुट किया और लोकतंत्र की रक्षा के लिए वैश्विक एकजुटता का प्रयास किया।
कल प्रोफेसर आनंद कुमार से हुई मुलाक़ात में हमने विविध अनुभवों का आदान-प्रदान किया। तभी उनसे यह अत्यंत महत्वपूर्ण पुस्तक प्राप्त हुई। आनंद जी हर मुलाक़ात के अंत में किताबें देना कभी नहीं भूलते। यह किताब अतिविशिष्ट है क्योंकि मैं स्वयं भी 26 जनवरी 1975 की सुबह से आपातकाल के विरूदध संघर्षरत था।
(लेखक: सुगाता श्रीनिवासराजू)