रिश्तों की आग में रूस का तेल, रुपया लुढका

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Russia's oil in the fire of relations, rupee fell

Rakesh Achal

— राकेश अचल —

हावत है कि जब हालात माकूल न हों तो आग में घी नहीं डाला जाता, लेकिन आजकल उलटा हो रहा है. भारत और अमेरिका के बीच तनातनी को कम कराने में सहायक बनने के बजाय रूस ने भारत को बेचे जाने वाले तेल की कीमतों में और कमी का ऐलान कर दोनों देशों के बीच तनाव और बढा दिया है. रूस का ये कदम आग में घी डालने से भी ज्यादा आग भडका सकता है. भारत और अमेरिका में तनातनी का असर सबसे ज्यादा भारतीय रुपये पर पड रहा है. रुपया लगातार तनखीन होता जा रहा है.

ताजा खबरों के मुताबिक टैरिफ मुद्दे पर अमेरिका से तनातनी के चलते भारतीय रुपये में लगातार गिरावट आ रही है। रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले और कमजोर हो गया है। इसने 88.33 का नया रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले शुक्रवार को यह 88.30 पर था। रुपये की कीमत अभी भी अन्य उभरते बाजारों की तुलना में कम है। ट्रेड वॉर की वजह से आने वाले समय में इस पर दबाव बना रह सकता है।एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी का कहना है कि माहौल कमजोर बना हुआ है। रुपये की कीमत 87.65 से 88.45 के बीच रहने की उम्मीद है। यानी रुपये में और गिरावट आ सकती है.

आपको पता ही है कि अमेरिका ने भारत से आने वाले सामानों पर टैक्स लगा दिया है। इससे देश का वित्तीय घाटा बढ़ सकता है। डोनाल्‍ड ट्रंप प्रशासन ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए भारी टैरिफ लगाया है। इसके बावजूद भारत को यह तेल 3-4 डॉलर प्रति बैरल सस्ता मिल रहा है। ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, रूस का यूराल ग्रेड का तेल सितंबर और अक्टूबर में लोड होने वाले जहाजों के लिए और भी कम कीमत पर मिल रहा है। पिछले हफ्ते यह छूट 2.50 डॉलर थी। जबकि जुलाई में यह सिर्फ 1 डॉलर थी। दूसरी ओर, अमेरिका से भारत आने वाले तेल पर ब्रेंट क्रूड के मुकाबले 3 डॉलर ज्यादा लग रहे हैं। इस वजह से रूसी तेल खरीदना भारत के लिए ज्यादा फायदेमंद है।

यह खबर ऐसे समय आई है जब बीते दिनों शंघाई सहयोग संगठन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन की जबरदस्‍त केमिस्‍ट्री देखने को मिली। कार के भीतर दोनों की 45 मिनट तक बात हुई। कोई नहीं जानता कि पूरी दुनिया से छुपकर दोनों नेताओं ने अंदर क्‍या बात की। अलावा, जो लोग चीजें बाहर से मंगाते हैं, वे लगातार डॉलर खरीद रहे हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भी अपना पैसा डेट और इक्विटी से निकाल रहे हैं। इससे भी रुपये पर दबाव बढ़ रहा है। डेट का मतलब कर्ज और इक्विटी का मतलब है कंपनियों में हिस्सेदारी है। यानी वे अपने शेयर बेच रहे हैं। कोटक सिक्योरिटीज के हेड ऑफ करेंसी एंड कमोडिटी रिसर्च अनिन्द्य बनर्जी की मानें तो भारतीय रिजर्व बैंक तब दखल देगा जब स्पॉट रेट 88.50 के करीब पहुंचेगा। लेकिन रुपये को प

भारत ज्यादातर कच्चा तेल बाहर से मंगाता है। रुपया कमजोर होने से यह महंगा हो जाएगा। इससे पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ेंगे। इससे ट्रांसपोर्टेशन और दूसरी चीजों के दाम भी बढ़ जाएंगे। महंगाई बढ़ने से बाजार में डर का माहौल बन जाता है।
इस बीच अमेरिका ने भारत से अमेरिका जाने वालों के लिए वीजा फीस बढाकर दो गुना से ज्यादा कर दी है.भारतीयों के लिए अमेरिका जाना अब और भी महंगा होने वाला है, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने एक नया वीजा इंटीग्रिटी फीस लगाने का फैसला किया है, जो 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा। वीजा इंटिग्रिटी फीस 250 डॉलर यानी करीब 22000 रु रहेगी। इसके बाद अमेरिका वीजा लेने की कुल कीमत करीबन 442 डॉलर लगभग 40,000 रु तक बताई गई है। नई कीमत का असर भारत से अमेरिका जाने वाले यात्रियों पर सीधा पड़ने वालाहै

आपको बता दूं कि पहले से ही यूएस वीजा की प्रक्रिया महंगी और लंबी हो चुकी है और अब इस शुल्क की वजह से आम भारतीयों के लिए वहां जाना और भी मुश्किल हो जाएगा।

यूएस ट्रेवल एसोसिएशन के मुताबिक वीजा फीस के बढ़ने से भारत से अमेरिका जाने वाले यात्रियों की संख्या और घट जाएगी। अभी तक इसमें 2.5 फीसदी की गिरावट पहले से दर्ज हो चुकी है, वहीं भारतीय छात्रों की संख्या में इस साल 18 फीसदी की कमी देखी गई है, जो अमेरिकी कॉलेजों के लिए भी चिंता का विषय है। अमेरिकी विश्वविद्यालयों में इंटरनेशनल छात्रों की कमी अमेरिका के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी लंबे समय से विदेशी छात्रों पर निर्भर रहते आए हैं। लेकिन ट्रंप की सख्त नीतियों और विदेशी छात्रों के प्रति सख्त नियमों ने हालात बिगाड़ दिए हैं।

आने वाले दिनों में भारत और अमेरिका के रिश्ते मामूल पर आएंगे भी या नहीं ये कहना कठिन है क्योंकि भारत की विदेश नीति और भारतीय नेतृत्व का रुख लगातार अमेरिका विरोधी होता जा रहा है. आप कह सकते हैं कि भारत बिना किसी तैयारी के आग से खेल रहा है वो भी रूस और चीन के भरोसे. ये दोनों कब भारत को अधर में छोड दें कोई नहीं जानता.


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