9 मार्च। बिहार में जन्म लेने वाला हर बच्चा 19 हजार रुपए कर्ज के साथ जन्म लेगा। यह कर्ज न ही उसके पिता ने लिया है और न ही उनके किसी अन्य परिजनों ने, इसके बाद भी वह जन्म के साथ कर्जदार के रूप में पैदा होगा। इसका कारण है साल दर साल बिहार सरकार पर कर्ज का बढ़ता बोझ।
सरकार की ओर से जारी आकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च 2021 तक बिहार सरकार का कुल कर्ज बढ़कर 2,27,195 करोड़ रुपए हो गया है, जो मार्च 2020 से 36,297 करोड़ रुपए अधिक है। 31 मार्च 2020 तक सरकार के ऊपर कुल ऋण 1,90,898 करोड़ रुपए था। मौजूदा समय में बिहार की कुल आबादी लगभग 12 करोड़ है। इस हिसाब से देखें तो बिहार के एक नागरिक पर यह कर्ज लगभग 19 हजार रुपए का हो जाता है।
कोरोना काल में सरकार ने 55,515 करोड़ रुपए का लिया कर्ज कोरोना काल के दो वर्षों के दौरान मार्च 2020 से 2022 तक बिहार सरकार 55,515 करोड़ रुपए का कर्ज ली है। इसमें 2020-21 में 36,297 करोड़ रुपए और 2021-22 में सरकार ने 19,218 करोड़ रुपए का कर्ज ली थी। आरबीआई की ओर से जारी आकड़ों के मुताबिक, मार्च 2022 के आखिर तक बिहार सरकार का कुल कर्ज बढ़कर लगभग 2,46,413 करोड़ रुपए होने की संभावना है।
(MN News से साभार)