26 मई। बीते 26 अप्रैल को सिडकुल पंतनगर में हुई मजदूर किसान महापंचायत के निर्णय के अनुसार महान क्रांतिकारी शहीद करतार सिंह सराभा के जन्मदिवस के अवसर पर इंटरार्क मजदूरों के धरनास्थल, सिडकुल पन्तनगर में इंटरार्क मजदूरों के समर्थन में सामूहिक भूख हड़ताल हुई। इसके पश्चात धरना स्थल से कलेक्ट्रेट रुद्रपुर तक मार्च निकाला गया। बच्चों द्वारा ज्ञापन देकर कुमाऊँ कमिश्नर कार्यालय पर बाल सत्याग्रह होगा।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सिडकुल के मजदूर और संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान और इंटरार्क मजदूरों के परिवारों की महिलाएं और बच्चे उपस्थित हुए। वहाँ हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा, कि उच्च न्यायालय ने दिनांक 1 अप्रैल 2022 को उत्तराखंड शासन को स्पष्ट आदेश दिया है, कि 6 सप्ताह के भीतर इंटरार्क कंपनी सिडकुल पंतनगर की तालाबन्दी के विषय में कार्रवाई की जाए। किन्तु 12 मई को 6 सप्ताह की समयसीमा समाप्त होने के पश्चात भी उत्तराखंड शासन द्वारा उक्त सन्दर्भ में अब तक भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो कि उच्च न्यायालय के आदेश की घोर अवमानना है।
वक्ताओं ने कहा, कि प्रशासनिक उपेक्षा के कारण करीब 3 माह से 500 मजदूर बेरोजगार हैं और परिवार सहित भुखमरी के कगार पर हैं। इंटरार्क प्रबंधन द्वारा कंपनी के पन्तनगर प्लांट से किच्छा प्लांट में सैकड़ों मशीन और सम्पूर्ण कच्चे माल को स्थानांतरित कर दिया गया। साथ ही पंतनगर प्लांट की कंपनी में कार्यरत 400 स्थायी मजदूरों और स्टाफ कर्मचारियों को कंपनी के किच्छा प्लांट में स्थानांतरित कर दिया है। किंतु यूनियन से जुड़े 500 मजदूरों की द्वेष भावना से गेटबन्दी कर दी गयी है। वक्ताओं ने उत्तराखंड शासन से माँग की कि न्यायहित हित में उक्त 500 मजदूरों को भी किच्छा प्लांट में समायोजित किया जाए।
वक्ताओं ने कहा कि किच्छा प्लांट में एक तरफ स्थायी आदेशों का उल्लंघन कर कैजुअल के नाम पर 600 से 700 मजदूरों की भर्ती कर दी गयी है, वहीं यूनियन से जुड़े 40 मजदूरों को झूठे आरोप लगाकर निलंबित कर दिया गया है। विगत 4 साल से मजदूरों की वेतन वृद्धि नहीं की गई है। एल.टी.ए. व बोनस भी काट दिया गया है। लिखित समझौते के बाद भी वर्ष 2018 से 32 मजदूरों की कार्यबहाली नहीं हो रही है। माँगपत्रों पर सुनवाई नहीं हो रही है। वक्ताओं ने कहा, कि अनगिनत शिकायत करने पर भी श्रम विभाग मौन है। इससे स्पष्ट है कि शासन प्रशासन स्वयं ही गैरकानूनी कृत्यों को बढ़ावा दे रहा है।
वक्ताओं ने एक स्वर में नैनीताल उच्च न्यायालय के 1 अप्रैल 2022 के आदेश का पालन कर पंतनगर प्लांट की तालाबन्दी समाप्त करके सभी मजदूरों की सवैतनिक कार्यबहाली करने और माँगपत्रों पर तत्काल सुनवाई करने की माँग की। माँग पूरी न होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। इसके पश्चात कलेक्ट्रेट रुद्रपुर तक विशाल मार्च निकाला गया और सभा की गयी। कार्यक्रम के अंत में बच्चों द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से कुमाऊँ कमिश्नर नैनीताल को ज्ञापन प्रेषित किया गया।
घोषणा हुई, कि 1 जून 2022 को कुमाऊँ कमिश्नर के कार्यालय के समक्ष बाल सत्याग्रह किया जाएगा और मुख्य न्यायाधीश उत्तराखंड को कुमाऊँ कमिश्नर के माध्यम से खुली याचिका प्रेषित की जाएगी और हस्तक्षेप की माँग की जाएगी। आज के कार्यक्रम में इंटरार्क मजदूर संगठन पंतनगर, इंटरार्क मजदूर संगठन किच्छा, इंकलाबी मजदूर केंद्र, श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर, भारतीय किसान यूनियन, मजदूर सहयोग केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, भगवती श्रमिक संगठन, यजाकी वर्कर्स यूनियन, करोलिया लाइटिंग एंप्लाइज यूनियन, ठेका मजदूर कल्याण समिति, रॉकेट रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संघ आदि यूनियनों संगठनों के साथ दलजीत सिंह, पान मुहम्मद, कैलाश चंद्र, दिनेश तिवारी, सुब्रत विश्वास, दीपक कुमार सनवाल, नरेंद्र राजपूत, एडवोकेट दिनेश जोशी, कर्म सिंह पड्डा, जितेंद्र सिंह, प्रताप सिंह, विक्की रंधवा, वीरेंद्र सिंह, शिवदेव सिंह, दिनेश चंद्र, ठाकुर सिंह, रविंद्र कुमार, मिथिलेश यादव, हरेंद्र सिंह, धीरज जोशी, गोपाल सिंह गौतम, खेमकरण, अभिलाख सिंह आदि सहित सैकड़ों की संख्या में मजदूर, किसान और महिलाएं बच्चे शामिल थे।
Discover more from समता मार्ग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
















