25 अगस्त। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए लेबर कोडों के खिलाफ तिरुपति में प्रदर्शन कर रहे मजदूरों और ट्रेड यूनियनों के सदस्यों को गुरुवार दोपहर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
गुरुवार को राज्य के विभिन्न शहरों में कुल मिला कर 9 ट्रेड यूनियनों द्वारा विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया।
इन गिरफ्तारियों में इंडियन फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड यूनियंस(IFTU) की ओर प्रदर्शन कर रहे 55 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 35 महिलाएं भी शामिल हैं।
गिरफ्तार किए सभी प्रदर्शनकारियों को तिरुपति शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी राम चंद्र पुरम (आरसी पुरम) मंडल मुख्यालय ले जाया गया है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने ट्रेड यूनियनों द्वारा विरोध प्रदर्शन की तैयारियों को देखते हुए लगभग 2000 पुलिस बल को कल ही तिरुपति में बुला लिया था। तीर्थ शहर को पुलिस शहर में बदल दिया गया है। तिरुपति शहर में कोने कोने में पुलिस बल तैनात है।
प्रदर्शन में शामिल सीटू के सदस्यों का कहना है कि सरकार 44 श्रम कानूनों के स्थान पर अलोकतांत्रिक तरीके से चार लेबर कोड लागू करने की तैयारी कर रही है। वर्षों के संघर्षों से हासिल अनेक श्रमिक अधिकार इन लेबर कोड के द्वारा समाप्त किए गए हैं और इनको संकुचित किया गया है।
प्रदर्शन कर रहे गफूर (पूर्व विधायक और सीटू एपी जीएस), रवींद्र नाध (एटक एपी अध्यक्ष), एम प्रसाद (टीयूसीआई एपी जीएस)। मधु, सीपीएम सीसीएम, पूर्व सांसद हरि कृष्ण, वेंकट रत्नम, वी.आर. ज्योति (आंगनवाड़ी यूनियन एपी जीएस), गंगा देवी (आशा यूनियन एपी लीडर), के. विजया कुमार (ऑटो यूनियन एपी ईसीएम), राजा गोपाल और मुनि कुमार (ऑटो यूनियन) (अस्पताल वर्कर्स यूनियन), रानी, लक्ष्मी कला (आशा यूनियन चित्तूर जिला नेता) योगेश (आईएफटीयू डीसीएम), महेश (पीडीएसयू) आदि सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि तिरुपति में नए लेबर कोड को लागू करने के सम्बन्ध में दो दिवसीय राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इस सम्मलेन में सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्र के श्रम मंत्रियों और सचिवों ने हिस्सा लिया।
नए लेबर कोड का मज़दूरों और मज़दूर यूनियनों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है इसके बावजूद मोदी सरकार नए लेबर कोड को आनन फानन में लागू करना चाहती है।
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