26 जनवरी। देश में बेरोजगारी को राष्ट्रीय बहस के केंद्र में लाने वाले युवा नेता अनुपम ने सरकार द्वारा गठित रेलवे अधिकारियों की कमिटी को खारिज कर दिया है। ‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक अनुपम ने रेलवे की एनटीपीसी और ग्रुप-डी से संबंधित दो मांगों पर रेलमंत्री को पत्र लिखा था। लेकिन इन दो सीधी मांगों पर जवाब देने के बजाय सरकार मामले को उत्तर प्रदेश चुनाव तक टालने की साजिश कर रही है।
अनुपम ने वीडियो जारी कर कहा है कि बेरोजगार युवा अब सरकार के झाँसे में नहीं आएंगे और अपनी मांग पर तब तक शांतिपूर्ण ढंग से अड़े रहेंगे।
चार मुख्य मांगें
• #RRBNTPC के CBT1 में 20 गुना रोल नंबर नहीं, बीस गुना छात्रों का सेलेक्शन हो।
• #RRBGroupD में CBT2 लाकर भर्ती प्रक्रिया को और लंबा न किया जाए।
• चोटिल छात्रों के मुफ्त इलाज का प्रबंध हो और उनपर हुए मुकदमे वापिस लिए जाएं।
• दोषी पुलिस अफसरों पर कार्रवाई हो।
स्वराज इंडिया ने भी की पुलिसिया जुल्म की निन्दा
प्रदर्शनकारी छात्रों और अभ्यर्थियों पर पुलिस की निर्मम कार्रवाई की निन्दा करते हुए कहा है कि कमेटी टालमटोल के लिए बनायी गयी। सरकार को पहले ही भर्ती की काफी धीमी प्रक्रिया को अनावश्यक देरी का शिकार नहीं बनाना चाहिए।
स्वराज इंडिया ने कहा है कि प्रयागराज और पटना समेत कई स्थानों पर रेलवे भर्ती बोर्ड के अभ्यर्थी भर्ती में हुई अनियमितता और देरी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने उनके सवालों का जवाब देने के बजाय उन पर लाठियाँ चलवायीं। हद तो तब हो गयी जब इलाहाबाद में पुलिस ने हॉस्टलों और लॉज में घुसकर अभ्यर्थियों को बेरहमी से पीटा। और रेलवे मंत्रालय ने अभ्यर्थियों के घाव पर मरहम लगाने के बजाय उन्हें विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पर रेलवे भर्ती परीक्षाओं से बाहर करने की धमकी दे डाली। पर युवाओं के बढ़ते विरोध को देखते हुए अब कमिटी का झांसा देकर मामले को टालने की कोशिश की जा रही है।
दरअसल लोकसभा चुनाव से तुरन्त पहले 2019 में रेलवे ने नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी (एनटीपीसी) और ग्रुप डी के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे जिसमे 2 करोड़ 42 लाख बेरोजगार युवाओं ने आवेदन किया था। छात्रों के लगातार विरोध के बाद जब एनटीपीसी के सीबीटी 1 का परिणाम आया तो नोटिफिकेशन के अनुसार 20 गुना अभ्यर्थियों के चयन के बजाए 20 गुना क्रमांकों का चयन किया गया था। यह स्पष्ट तौर पर हजारों काबिल अभ्यर्थियों को दूसरे चरण की परीक्षा में बैठने से वंचित करना था। इसके अलावा रेलवे ने अचानक ग्रुप डी की परीक्षा में एक और चरण जोड़ दिया। इसपर छात्र 20 गुना अभ्यर्थियों के चयन और ग्रुप डी में सीबीटी 2 को हटाये जाने की माँग पर जब विरोध कर रहे थे, तो सरकार ने बेशर्मी से बलप्रयोग का सहारा लेकर छात्रों की लोकतांत्रिक आवाज को दबाने की कोशिश की है।
स्वराज इंडिया ने केंद्र सरकार से माँग की है कि इस बर्बर हमले के जिम्मेदार अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए, जिन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है उन्हें रिहा किया जाए और घायल युवाओं को इलाज उपलब्ध करवाया जाए। इसके अतिरिक्त रेलवे भर्ती में अभ्यर्थियों की माँगों को तुरंत स्वीकार किया जाए।
छात्रों के बढ़ते विरोध को देखकर सरकार कमिटी का झाँसा देकर मामले को टालना चाह रही है। छात्रों की माँग स्पष्ट है: एनटीपीसी में नोटिफिकेशन के अनुसार बीस गुना अभ्यर्थियों का चयन हो और ग्रुप डी में सीबीटी 2 न जोड़ा जाए; कि इस पर समिति बनाने का केवल इतना अर्थ है कि सरकार पहले से काफी देर हो चुकी प्रकिया को और देर करना चाहती है। इसमें सरकार को अब सीधे अभ्यर्थियों की जायज माँगों को मानते हुए आदेश जारी करना चाहिए।
स्वराज इंडिया ने युवाओं के आंदोलन का समर्थन करते हुए अभ्यर्थियों से आंदोलन को पूरी तरह शांतिपूर्ण रखने की भी अपील की है।