Tag: कनक तिवारी
वे सूरतें किस देश बसतियां हैं? – कनक तिवारी
भगतसिंह के साथ दिक्कत है। हर संप्रदाय, जाति, प्रदेश, धर्म, राजनीतिक दल, आर्थिक व्यवस्था को उन्हें पूरी तौर पर अपनाने से परहेज है। उनके...
मौजूदा चुनाव आयोग असंवैधानिक है
— कनक तिवारी —
लोकतंत्र मौजूदा भारत में सबसे मुश्किल दौर में तिनके की तरह उड़ाया जा रहा है। दुखद और अचरज है कि कथित...
आदिवासी अनाथ नहीं मालिक होने का जय घोष है
— कनक तिवारी —
इक्कीसवीं सदी के संवैधानिक गणराज्य में आदिवासियों को अजायबघर की दर्शनीय वस्तु बनाकर नहीं रखा जा सकता-ऐसा विकास समर्थकों का तर्क...
कविता से बड़ा कवि
— कनक तिवारी —
यह कवि मेरे लिए कभी फ़कत कवि नहीं रहा। लिखने पढ़ने की दुनिया में शायद मैं अकेला शेष हूं जिसका इससे...
इक्कीसवीं सदी की दहलीज़ पर भगत सिंह
— कनक तिवारी —
भगत सिंह सम्भावनाओं के जननायक बनकर इतिहास में अपनी धारदार उपस्थिति दर्ज कराते हैं। उन्हें देश के लिए जीने की ज़्यादा...
संविधान दिवस पर संविधान की आत्मा का बयान
— कनक तिवारी —
हे पवित्र संविधान! आज संविधान दिवस के अवसर पर मैं इकबाल करता हूं कि मैं तुम्हारे यज्ञ की समिधा हूं। मैंने...
लोहिया को समझने की कोशिश
— कनक तिवारी —
गणेश मंत्री की समझ में लोहिया की उनकी विचार-प्रणाली के मूल में तीन तत्व प्रमुख थे। पहला तत्व था समता को,...
‘एक देश एक चुनाव’ का सरकार का इरादा संविधान को चुनौती
— कनक तिवारी —
सनसनी फैली हुई है कि 18 सितम्बर (2023) से लोकसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। एजेंडा जाहिर या प्रसारित नहीं...


















