Tag: कविता
मणिमाला जी की कविता!
एक हजार में बोलो
तुम क्या-क्या ख़रीदोगे?
कहो जी तुम क्या-क्या
सुनो जी तुम क्या-क्या
मोदीजी तुम क्या क्या ख़रीदोगे...?
यहाँ तो हर चीज़ बिकती है...
ये नौकरी के सपने
ये...
आपातकाल और साहित्य
— परिचय दास —
आपातकाल की मानसिकता में साहित्य एक ऐसी अंतर्धारा की तरह है, जिसमें समय की भयावहता, अभिव्यक्ति की घुटन, और सत्ता के...












