Tag: डॉ. योगेन्द्र
सैंया भये कोतवाल – डॉ योगेन्द्र
सुबह सूरज ठीक से उगा नहीं। सूरज पर कटे कटे बादल छाये रहे। ठंड के कारण खिड़कियां बंद रहती हैं, इसलिए चिड़िया के स्वर...
असली लोकतंत्र का दृश्य: जेसीबी में लटके युवक – डॉ योगेन्द्र
सड़क किनारे जो झुग्गियां बना कर रहते हैं, वे देश के नागरिक हैं या नहीं? क्या देश के नागरिक वहीं हैं जो मुफ्त में...
मुख्यमंत्री का कारुणिक अवसान बहुत कुछ कहता है – डॉ योगेन्द्र
ठंड हल्की फुल्की ही है। शीशे की खिड़कियों से आम के पेड़ों पर चिड़िया बैठी दिखाई दे रही है। सूरज उग कर पूरब क्षितिज...
राजनीति में लैटरल इंट्री – डॉ योगेन्द्र
देश में बहुत सी घटनाएं घट रही हैं। चोर दरवाजे से आई ए एस बनाये जा रहे थे, अब मंत्री तक बनाए जा रहे...
अच्छी शिक्षा के बिना अच्छी राजनीति संभव नहीं – डॉ योगेन्द्र
एक बौद्ध भिक्षु था। वह आराम से भिक्षा हर दिन मांगता और साधना में डूबा रहता। उसके आश्रम में चिड़िया कूजन करतीं। गायें रंभातीं।...
इन दिनों तीसरा आदमी सबसे ख़तरनाक है – डॉ योगेन्द्र
जन्मभूमि आने के बाद समय की तुलना शुरू होती है। वह समय जो मैंने बिताया था और यह समय जहां मौजूद हूं। गांव -...
इन दिनों मधुर-मधुर मेरे दीपक जल – डॉ योगेन्द्र
रात बहुत बीत गयी तो हरेक घर के बाहर यम दिया जला दिया गया। यम से किसे डर नहीं लगता और जिससे डर लगता...
इन दिनों लेह का ग़ुस्सा और असली देशद्रोही – डॉ...
जम्मू और कश्मीर से 370 धारा ख़त्म किया जा रहा था तो संसद में ज़ोरदार हलचल थी। लगता था कि 370 धारा ही कश्मीर...
इन दिनों पूंजीपति, रामभद्राचार्य और गिद्ध
— डॉ योगेन्द्र —
सामान्य- सी सुबह । रांची की सड़कों पर चाय और फल वाले । कच्चे नारियल के अनेक ठेले। ऊँची बिल्डिगें और...
इन दिनों जिन्ना और सावरकर के विचारों से आहत देश
— डॉ. योगेन्द्र —
सुबह से आसमान में घने मेघ छाए हैं, लेकिन आसमान में कोई हलचल नहीं है। मेघ स्थिर से दिखते हैं। बिहार...




















