Tag: राकेशरेणु की कविताएं
खॅंडहर में प्रेम
— सूर्यनाथ सिंह —
कविता जब इतिहास में प्रवेश करती है तो समझ लेना चाहिए कि उसका समकाल बहुत विकट है। कविता जब भी इतिहास...
राकेशरेणु की कविताएं
अफ़गानिस्तान
उस पर्वतीय रेगिस्तान में कुछ नहीं था
धूसर रंग के सिवा
वहाँ धीरे-धीरे साँझ उतर रही थी
धूसर को और धूसर, गहरा करती।
सूरज की किरणों ने जाने...