Tag: श्रीमद् राजचंद्र
इच्छा हो भी तो वह इच्छा हो आत्मज्ञान की
— सुज्ञान मोदी —
अमाप इच्छा ही हमारे दुखों का कारण है। सत्पुरुष तो यह कहते हैं कि इच्छामात्र ही हमारे दुखों का कारण है।...
सरकारों और अधिकारियों को श्रीमद् राजचंद्र की सीख
— सुज्ञान मोदी —
हेनरी सोलोमन लियोन पोलॉक दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी के अनन्य मित्रों में से थे। वे ‘इण्डियन ओपीनियन’ के संपादकों में...
विवेक ही पहचान है मनुष्यता की
— सुज्ञान मोदी —
विवेक एक दिव्य दृष्टि है। इसे साधना से जागृत करना पड़ता है। यह दृष्टि जागृत हो जाए तो सारे निर्णय सही...
कृतज्ञता का अहोभाव
— सुज्ञान मोदी —
कृतज्ञता एक महान मानवीय गुण है। मनुष्य एक पारिवारिक प्राणी है और एक वृहत् परिवार में परिजनों का एक-दूसरे से अन्योनयाश्रय...
भय से भरे संसार में निर्भयता के अचूक सूत्र
— सुज्ञान मोदी —
दुनिया भर के सत्पुरुषों ने निर्भयता की सीख दी है। दुनिया के सारे महान कार्य निर्भयी महापुरुषों ने ही किए हैं।...
अहिंसक समाजरचना का गांधीमार्ग – श्रीमद् राजचंद्र का योगदान
मूलत: मनुष्य एक संवेदनायुक्त विवेकशील प्राणी है। एक आदर्श मनुष्य के आचरण का सनातन आधार न्याय और प्रेम रहता आया है। इन्हीं दो मूल्यों...