Tag: Achyut Patwardhan
लौह पुरुष यूसुफ मेहर अली – दूसरी किस्त
— अच्युत पटवर्धन —
साम्यवादियों को 1938 में अपनी नीति बदलनी पड़ी और तब वे राष्ट्रीय जीवन की मुख्यधारा से अलग-थलग पड़ जाने की स्थिति...
1942 में समाजवादियों के योगदान का ठीक से मूल्यांकन होना अभी...
यह जनक्रांति कई संगठनों की अवसरवादिता के कारण अत्यंत प्रतिकूल राजनीतिक परिस्थितियों में संपन्न हुई। यह अविश्वसनीय सत्य है कि ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ का कांग्रेस को...
क्रांति का बिगुल : तीसरी किस्त
— अनिल सिन्हा —
समानांतर सरकारें
सन बयालीस के आंदेालन की एक खास बात यह थी कि ब्रिटिश शासन से अपने को स्थानीय स्तर पर मुक्त...