Tag: Dr. Anand Kumar
जेपी और आरएसएस के रिश्तों के तीन चेहरे – आनंद कुमार
(दूसरी किस्त)
जयप्रकाश नारायण के सम्पूर्ण लेखन, लिखित भाषणों और बयानों को दस खण्डों में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो बिमल प्रसाद ने सम्पादित किया...
जेपी के बारे में तीन निराधार स्थापनाएँ – आनंद कुमार
(दूसरी किस्त)
पिछले 45 साल से चल रहे जेपी विरोधी प्रचार में नरेंद्र मोदी के 2014 और पुन: 2019 में एनडीए की सरकार का...
समाजवादी परम्परा के कुछ ‘यक्ष-प्रश्न’
— आनंद कुमार —
भारत में समाजवाद के प्रथम शिक्षक आचार्य नरेन्द्रदेव के अनुसार मानव समाज शुभ और अशुभ के ताने-बाने से रचा जाता है...
दलाई लामा और तिब्बती समुदाय का भारत में योगदान
— आनंद कुमार —
विश्वविख्यात बौद्ध धर्मगुरु और नोबेल शांति पुरस्कार समेत शताधिक सम्मानों से विभूषित दलाई लामा ने चीनी कब्जे से आत्मरक्षा के लिए...
अब हमारी राष्ट्रीयता का सकारात्मक आधार भारतीय संविधान है – आनंद...
(कल प्रकाशित लेख का बाकी हिस्सा )
आज तीन शताब्दियों की अंधी दौड़ के बाद अधिकांश यूरोप ने राष्ट्रवाद से मुंह फेर लिया है। फिर...
मौजूदा संकट के तीन आयाम और तीन उजली तारीखें – आनंद...
हर व्यक्ति-देश-समाज-संस्कृति का अपना एक स्मृति-संसार होता है जिसमें विशिष्ट व्यक्तियों, घटनाओं, तिथियों और अभियानों से प्रेरणा मिलती है। उन्हें स्मरणीय और अनुकरणीय माना जाता...
बेहतर दुनिया के लिए लोहिया सूत्र : आनंद कुमार
डॉ.
लोहिया के चिंतन और कर्म में स्वराज, लोकतंत्र, समता और प्रगतिशील परिवर्तनों का संगम था। वह अपने दौर के सर्वाधिक सुशिक्षित व्यक्ति थे। संस्कृत, हिंदी, उर्दू, बांग्ला, मराठी, गुजराती, और तेलुगु...
इक्कीसवीं सदी के लिए लोहिया की प्रासंगिकता : आनंद कुमार
डॉ. राममनोहर लोहिया (23 मार्च 1910 – 12 अक्टूबर 1967) की 57 बरस की जीवन-यात्रा देश और दुनिया में स्वतंत्रता, न्याय, लोकतंत्र, समता और संपन्नता की एकजुटता...