Tag: Hindi Poem on Lohia
उमाकांत मालवीय की कविता
कोई चाहे जितना बड़ा हो,
उसका अनुकरण
उसका अनुसरण
तुम्हारी गैरत को गवारा नहीं,
तुम्हारा अनुकरण
तुम्हारा अनुसरण
कोई करे ऐसी हविस भी नहीं।
अनुकरण
अनुसरण
की बैसाखियाँ तुम्हें मंजूर नहीं
इसलिए,
जब तुम्हें मिले...