Tag: Hindi poet Jayprakash Dhoomketu
जयप्रकाश धूमकेतु की चार कविताएं
1. अपनी धरती
अपनी धरती अपना अंबर
हम इसके रखवाले
आजादी की सालगिरह पर
सौ-सौ सपने पाले।
ठहरे हम आजाद परिंदे
बांटें रोज उजाले
स्वर सरगम पर झूम उठें
मस्जिद और शिवाले।
साझा...