Tag: Hindutva
वे कौन होते हैं यह कहनेवाले कि हलाल का मांस किसे...
6 अप्रैल। कन्नड़ के सुविख्यात लेखक देवानूर महादेव ने दक्षिणपंथी तत्त्वों की कड़ी आलोचना की है, जो हिंदुओं को मुसलमानों के साथ व्यापार नहीं...
बर्बरता का आह्वान हमें कहाँ ले जाएगा
— राजू पाण्डेय —
सत्याग्रही गांधी और उनकी अहिंसा तथा सेकुलरवाद की रक्षा को समर्पित नेहरू व उनकी वैज्ञानिकता लंबे समय से हिन्दू कट्टरपंथियों के...
हरिद्वार में हुई ‘नफरत की पंचायत’ की चौतरफा निंदा, कार्रवाई की...
23 दिसंबर। हरिद्वार में एक आयोजन हुआ, नाम रखा गया धर्म संसद, लेकिन यहां तीन दिनों तक जो बातें हुईं वो बिल्कुल भी धार्मिक...
बड़े गुनहगार तो कंगना के दावे पर तालियाँ बजानेवाले लोग हैं
— श्रवण गर्ग —
किसी भी दल या धर्म विशेष के प्रति प्रतिबद्ध किंतु परम्परागत रूप से सहिष्णु नागरिकों को अगर सुनियोजित तरीके से समझा...
हिंदुत्व के उत्थान से उपजी निराशा
— गोपाल प्रधान —
अभय कुमार दुबे की किताब हिंदू-एकता बनाम ज्ञान की राजनीति का प्रकाशन वाणी प्रकाशन से 2019 में हुआ। शीर्षक ही बिना किसी लाग-लपेट...
हिंदू होने का धर्म – प्रभाष जोशी : तीसरी किस्त
(हिंदी के मूर्धन्य पत्रकारों में से एक, प्रभाष जोशी ‘जनसत्ता’ के संस्थापक-संपादक थे। जनसत्ता के संपादक के तौर पर पत्रकारिता में उनका जो बेमिसाल...
हिंदू होने का धर्म – प्रभाष जोशी : दूसरी किस्त
(हिंदी के मूर्धन्य पत्रकारों में से एक, प्रभाष जोशी ‘जनसत्ता’ के संस्थापक-संपादक थे। जनसत्ता के संपादक के तौर पर पत्रकारिता में उनका जो बेमिसाल...
हिंदू होने का धर्म – प्रभाष जोशी
(हिंदी के मूर्धन्य पत्रकारों में से एक, प्रभाष जोशी ‘जनसत्ता’ के संस्थापक-संपादक थे। जनसत्ता के संपादक के तौर पर पत्रकारिता में उनका जो बेमिसाल...
संस्कृति और राष्ट्रीयता – नंदकिशोर आचार्य
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अवधारणा मूलतः, और अंततः भी, एक सांस्कृतिक अवधारणा है या राजनीतिक? इस प्रश्न का उत्तर बड़ी हद तक इस पर भी निर्भर...
और कितने तालिबान होंगे?
— डॉ सुरेश खैरनार —
बगल के देश अफगानिस्तान में तालिबानी दोबारा सत्ता में आ चुके हैं। और अपने बदले-बदले जनाब का दावा करने के...