— विनोद कोचर — सन् 1975-77 के आपातकाल के भुक्तभोगी और वरिष्ठ भाजपा नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी ने, 2015 में, आपातकाल की वापसी की संभावना जताकर जहाँ विपक्ष को मोदी …
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— रविकिरण जैन — हिन्दुस्तान के आजादी के शुरुआती साल बेहद चिंता और कठिनाइयों के थे। जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री बने और उन्होंने 16 साल तक देश की बागडोर …
— श्रवण गर्ग — पाँच जून के दिन को याद करना और याद रखना जरूरी है। अगले पाँच जून तक तो देश में कई परिवर्तन हो जाएँगे, बहुत कुछ बदल …
— प्रोफेसर राजकुमार जैन — हिंदुस्तान की सियासत में कुछ ऐसी नायाब नजीरें हैं। जहां सताया हुआ इंसान अपने हाथ में बाजी आने के बावजूद सताने वाले के साथ लोकतांत्रिक, …
— आनंद कुमार — हमारे देश के लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण के पिछले छह दशकों से अनूठे मार्गदर्शक थे वे. उनकी यशस्वी जीवन यात्रा में अनेक विशिष्टताएं थीं और उन्होंने एक …
— प्रोफेसर राजकुमार जैन — (विशेष : शाहनवाज अहमद कादरी द्वारा संपादित और प्रकाशित पुस्तक ‘राजनारायण एक नाम नहीं इतिहास है’ में यह लेख संपूर्णता में प्रकाशित हुआ है। पाठकों …
— प्रोफेसर राजकुमार जैन — श्रीमती इंदिरा गांधी ने शर्त रखी थी कि जनता(एस) किसी भी शर्त पर जनता पार्टी में पुनः शामिल नहीं होगी, चाहे दोहरी सदस्यता का सवाल …
(जयप्रकाश नारायण इमरजेंसी के दौरान जब चंडीगढ़ पीजीआई के गेस्ट हाउस में नजरबंद थे तो उनकी निगरानी की जिम्मेदारी चंडीगढ़ के तत्कालीन जिलाधिकारी एमजी देवसहायम को दी गयी थी। देवसहायम …
भारत को ब्रिटिश राज से लेकर इंदिरा गांधी के इमरजेंसी राज से मुक्ति में अग्रणी भूमिका के लिए सतत प्रेरणा-स्रोत रहे जयप्रकाश नारायण जीवन भर सवालों की बौछार के बीच …
यह स्वीकार करना चाहिए कि जेपी के सार्वजनिक जीवन में तीन विवादग्रस्त निर्णय रहे हैं – (1) 1954 में समाजवादी दल से अलग होकर निर्दलीय सर्वोदय अभियान के लिए जीवन-दान …
वेब पोर्टल समता मार्ग एक पत्रकारीय उद्यम जरूर है, पर प्रचलित या पेशेवर अर्थ में नहीं। यह राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह का प्रयास है।
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