Tag: Kshamashankar Pandey
क्षमाशंकर पाण्डेय की पांच कविताएं
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नये सवाल मिले
जब-जब उत्तर चाहा,
तब-तब नये सवाल मिले।
रोटी-पानी, खेती-बारी,
इनके लिए ही मारा-मारी।
जानबूझकर जूझ रहे हैं,
जाने कैसी है दुश्वारी।
एक यही सपना था,
सबको रोटी-दाल मिले।
सबके अपने-अपने...