Tag: literary criticism
रचना की सार्थकता और आलोचना के आयाम
— रामप्रकाश कुशवाहा —
साहित्यकार होना एक किस्म की सचेतन स्वप्नदर्शिता है और यह अपनी युवावस्था में देखे जानेवाले दिवास्वप्नों की प्रौढ़ावस्था है। इस तरह...