Tag: Lohia on Krishna
कृष्ण – राममनोहर लोहिया : पाँचवीं व अंतिम किस्त
राधा-रस तो निराला है ही। राधा-कृष्ण एक हैं, राधा कृष्ण का स्त्री रूप और कृष्ण राधा का पुरुष रूप। भारतीय साहित्य में राधा का...
कृष्ण – राममनोहर लोहिया : चौथी किस्त
कृष्णा अपने नाम के अनुरूप साँवली थी, महान् सुंदरी रही होगी। उसकी बुद्धि का तेज, उसकी चकित हरिणी आँखों में चमकता रहा होगा। गोरी...
कृष्ण – राममनोहर लोहिया : तीसरी किस्त
द्वारका मथुरा से सीधे फासले पर करीब 700 मील है। वर्तमान सड़कों की यदि दूरी नापी जाए तो करीब 1050 मील होती है। बिचली...
कृष्ण – राममनोहर लोहिया : दूसरी किस्त
कृष्ण बहुत अधिक हिन्दुस्तान के साथ जुड़ा हुआ है। हिन्दुस्तान के ज्यादातर देव और अवतार अपनी मिट्टी के साथ सने हुए हैं। मिट्टी से...
कृष्ण – राममनोहर लोहिया
कृष्ण की सभी चीजें दो हैं : दो माँ, दो बाप, दो नगर, दो प्रेमिकाएँ या यों कहिए अनेक। जो चीज संसारी अर्थ में...