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धर्म पर कुछ विचार : छठी व अंतिम किस्त
— राममनोहर लोहिया —
जाति प्रथा ने कमाल किया है इसमें कोई शक नहीं। कमाल अच्छा नहीं, बुरा कमाल। देश के प्राण को एक मानी...
धर्म पर कुछ विचार : चौथी किस्त
— राममनोहर लोहिया —
कभी-कभी ब्रह्मज्ञान कठोर भी बन जाता है। बजाय संगीत की मधुरता लाने के वह दूसरे संप्रदायों और धर्मों के प्रति अत्याचार...