Tag: Lohia on Religion
धर्म पर कुछ विचार : पाँचवीं किस्त
— राममनोहर लोहिया —
हिंदुस्तान क्यों इतनी बार गुलाम हो जाता है? क्यों इतने लंबे अरसे तक गुलाम हो जाता है? कहीं कोई खराबी है...
धर्म पर कुछ विचार : तीसरी किस्त
— राममनोहर लोहिया —
अब रह गया दूसरा अंग जो ब्रह्मज्ञान वाला, कर्मकाण्ड के अलावा। आत्मा, परमात्मा पर मैं क्या कहूँ, क्योंकि परमात्मा को तो...
धर्म पर कुछ विचार – दूसरी किस्त
— राममनोहर लोहिया —
इतना बताने के बाद, मुझे आत्मा, परमात्मा या वैदिक धर्म, हिंदू धर्म पर, इन सब चीजों से जिसका वास्ता नहीं है...
धर्म पर कुछ विचार : पहली किस्त
— राममनोहर लोहिया —
धर्म या और किसी सत्य के मामले में किसी एक कोने या दृष्टि से ही बातें समझ में आती हैं। जैसे...